नई दिल्ली। विमानन विनिर्माता बोइंग ने बुधवार को कहा कि भारत के घरेलू हवाई यात्री बाजार 2030 तक महामारी के पूर्व के स्तर का लगभग दोगुना होने की संभावना है। बोइंग के कमर्शियल विमानों के क्षेत्रीय विपणन विभाग के प्रबंध निदेशक, डेविड शुल्ज़ ने कहा, ‘‘हमने वर्ष 2020 के दौरान घरेलू विमान यात्रियों में 55 प्रतिशत की कमी देखी। हमारे पूर्वानुमानों से लगता है कि अगले 10 वर्षों में ,वर्ष 2030 तक, भारतीय घरेलू हवाई यात्री बाजार वर्ष 2019 के मुकाबले दोगुना हो जाएगा। यह काफी उल्लेखनीय है।’’ भारतीय बाजार को लेकर एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि अगर हम भारतीय घरेलू यातायात की तुलना 2020 के सामान्य स्तर से करें तो यह लगभग 76 प्रतिशत ही है।
शुल्ज ने कहा कि ‘‘बढ़ती अर्थव्यवस्था और मध्यम वर्ग के विस्तार’’ के कारण भारत में अगले 20 वर्षों में 2,200 से अधिक नए वाणिज्यिक विमानों की मांग होगी। उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू, क्षेत्रीय और लंबी यात्रा की अधिक मांग के साथ, हम आशा करते हैं कि भारत का वाणिज्यिक बेड़ा वर्ष 2039 तक चार गुना बढ़ जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक उड्डयन उद्योग को 20 साल की भविष्यवाणी अवधि के दौरान लगभग 90,000 नए पायलट, तकनीशियन और केबिन क्रू कर्मियों की आवश्यकता होगी, जहां बड़ी संख्या में महिलायें विमानन सेवा के क्षेत्र में कैरियर बनाने की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत के विनिर्माण और ई-कॉमर्स क्षेत्रों द्वारा संचालित देश के एयर कार्गो की वृद्धि अगले 20 वर्षों तक सालाना औसतन 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
भारत के घरेलू यात्रियों की संख्या में महामारी के पहले तक तेज ग्रोथ देखने को मिल रही थी हालांकि कोरोना संकट ने सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक साल 2020-21 के दौरान यात्रियों की संख्या बीते 10 सालों में सबसे नीचे पहुंच गई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान सभी घरेलू विमानन परिचालन के जरिए कुल यात्रियों की संख्या 5.38 करोड़ रही थी। इक्रा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दो महीने के लॉकडाउन अवधि को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 (25 मई 2020 से 31 मार्च 2021 तक) के लिए घरेलू यात्री यातायात लगभग 5.34 करोड़ रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले लगभग 62 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट को दर्शाता है।
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