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भारत को जीएसटी की सख्त जरूरत, विधेयक पारित नहीं होने से देश को होगा नुकसान: जेटली

जीएसटी विधेयक के राज्यसभा में जल्द से जल्द पारित किए जाने की वकालत करते हुए अरूण जेटली ने कहा कि बाधा उत्पन्न करने के प्रयास से देश को नुकसान होगा।

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नई दिल्ली। जीएसटी विधेयक के राज्यसभा में जल्द से जल्द पारित किए जाने की वकालत करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि बाधा उत्पन्न करने के प्रयास से देश को नुकसान होगा। कांग्रेस पार्टी के पुरजोर विरोध के कारण गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू करने को लेकर संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में अटका हुआ है। वहीं, नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल के कड़े रूख के कारण इसे पारित होने में देरी हो सकती है।

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कंपनियों और व्यापार को जीएसटी की जरूरत

जेटली ने कहा, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है और सभी दलों को एक साथ आना चाहिए। अब रेवेन्यु न्यूट्रल रेट 15 फीसदी घोषित की गई है जिस पर कोई चर्चा नहीं हुई, लोग 22 से 24 फीसदी की चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा, देश को जीएसटी की बहुत जरूरत है, कंपनियों और व्यापार को जीएसटी की जरूरत है। कोई भी अगर जीएसटी विधेयक पारित करने में बाधा खड़ी करने की कोशिश करता है, उससे देश को काफी नुकसान होगा।

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मुख्य आर्थिक सलाहकारी अरविंद सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले सप्ताह सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में 15 फीसदी रेवेन्यु न्यूट्रल रेट का सुझाव दिया है। जीएसटी दर को संविधान संशोधन विधेयक में ही उल्लिखित करने करने की कांग्रेस की मांग का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि विधेयक शुरू में कांग्रेस ने ही तैयार किया था और उसे देश हित में इसे पारित कराने में मदद करनी चाहिए।

जीएसटी कांग्रेस पार्टी की ही पहल थी

अरूण जेटली ने कहा, अगर कांग्रेस पार्टी का जीएसटी को पारित कराने का इरादा है और इसे पारित कराने में मदद करती है तो, मुझे निष्पक्षता से यह स्वीकार करना चाहिए कि यह कांग्रेस पार्टी की ही पहल थी। इस तरह वह अपने खुद के कार्यक्रम के प्रति न्याय कर रही होगी , वह देश के प्रति न्याय काम कर रही होगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी पर जारी गतिरोध दूर करने और संसद में अन्य लंबित कार्यों को पूरा करने के लिये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक की थी।

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