नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत चमड़े के सामान के लिए विदेशी बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच की मांग की है। भारत ने यह मांग संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत उन देशों से की गई है, जिनसे एफटीए समझौता को लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) समूह के साथ इसी तरह के समझौते के लिए बातचीत अगले साल जनवरी या फरवरी में शुरू की जाएगी।
जीसीसी के सदस्य देशों में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं। गोयल ने चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) द्वारा यहां आयोजित राष्ट्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में कहा, "हम अपने चमड़ा उद्योग के लिए अन्य देशों के बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। यूएई, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत में यह हमारे प्रमुख प्रश्नों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि इज़राइल भी हमारे चमड़े के उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोल सकता है।" उन्होंने कहा, "हम इन सभी देशों से चमड़ा उद्योग के लिए बेहतर बाजार पहुंच और अवसरों के लिए बात कर रहे हैं।" केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान उद्योग से भारत को वैश्विक ब्रांडों का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए बड़े पैमाने और गुणवत्ता पर काम करने को कहा। केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक साल 2025 तक भारत से चमड़े का निर्यात 10 अरब डॉलर का स्तर पार कर सकता है। इसमें से सिर्फ कोल्हापुरी चप्पलें ही 1 अरब डॉलर निर्यात का आंकड़ा पार कर सकती हैं।
बीते महीने ही केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि उत्पादों की आक्रामक मार्केटिंग, मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के समय पर क्रियान्वयन और एमएसएमई कंपनियों को सस्ते कर्ज से अगले वित्त वर्ष में देश का निर्यात 500 अरब डॉलर तक ले जाने में मदद मिलेगी। मुक्त व्यापार करार के तहत दो व्यापारिक भागीदार देश द्विपक्षीय व्यापार वाले विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क को या तो पूरी तरह समाप्त कर देते हैं या उनमें कमी करते हैं। इससे कारोबार बढ़ाने में मदद मिलती है।
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