नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुताबिक अगर AstraZeneca के द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन पर परिणाम योजना के अनुसार मिले तो जनवरी से भारत में लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी। कंपनी का AstraZeneca की वैक्सीन को तैयार करने का करार है, जिसके हाल में आए परिणाम उत्साहजनक हैं। वैक्सीन को लेकर तीसरे ट्रायल के परिणाम दिसंबर अंत तक आ सकते हैं।
किसे मिलेगी पहले वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख आदार पूनावाला ने कहा कि कंपनी ने AstraZeneca की वैक्सीन की बड़ी मात्रा में डोज पहले से ही तैयार कर ली हैं। ट्रायल के बाद इस्तेमाल की आधिकारिक मंजूरी मिलने के साथ ही वो इसे लोगों के लिए उपलब्ध करा देंगे। फिलहाल शुरुआत में ये वैक्सीन कोरोना के मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों नर्सों और ऐसे ही जोखिम वाले क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मियों को मिलेगी। वहीं ज्यादा जोखिम में आने वाले लोगों को भी शुरुआत में ही वैक्सीन दी जाएगी।
जानिए क्या होगी कीमत
पूनावाला ने कहा कि खुदरा बाजार में ये वैक्सीन 6 डॉलर यानि करीब 450 रुपये तक हो सकती है। हालांकि उन्होने ये भी कहा कि सरकार इसे कम कीमत पर भी उपलब्ध करा सकती है क्योंकि वो बड़ी संख्या में इसकी खरीद करेगी, जिससे इसकी कीमत 6 डॉलर से भी कम होगी।
कब तक मिलेगी सभी भारतियों को वैक्सीन
पूनावाला ने अनुमान दिया है कि भारत की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए करीब 2 से 3 साल में जाकर ही सभी भारतीयों को वैक्सीन मिल सकेगी। जानकार पहले ही बता चुके हैं कि भारत में वैक्सीन को हर शख्स तक पहुंचाने के लिए कई चुनौतियां आ सकती है। इसमें वैक्सीन के इतनी बड़ी संख्या में निर्माण, उसके लिए स्टोरेज क्षमता, सप्लाई और वैक्सीन देने वाले योग्य लोगों की संख्या जैसी बातों शामिल हैं और इस वजह से ही सभी तक वैक्सीन पहुंचने में वक्त लग सकता है। AstraZeneca के साथ साथ Pfizer और Moderna के ट्रायल भी अंतिम दौर में हैं और इनके पिछले ट्रायल के परिणामों के मुताबिक ये 90 फीसदी से ज्यादा कारगर हैं। भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही स्वदेशी वैक्सीन भी फरवरी की शुरुआत से उपलब्ध हो सकती है।
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