नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार देश का वित्त वर्ष अप्रैल-मार्च की जगह जनवरी-दिसंबर करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष का समय बदलने के मामले पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
जेटली ने बताया कि सरकार की तरफ से बनाई गई एक कमिटी ने इस मामले पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस कमिटी का चेयरमैन पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य को बनाया गया है। रिपोर्ट सरकार को मिल गई है। हालांकि वित्त मंत्री ने इस विषय पर कुछ भी नहीं कहा कि बजट पेश करने के समय में भी कुछ बदलाव किया गया है या नहीं। बता दें कि इस साल सरकार ने बजट पेश करने के लिए फरवरी की तारीख तय की थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि मोदी सरकार देश के आर्थिक सिस्टम में बड़ा बदलाव करते हुए वित्त वर्ष को बदलकर जनवरी-दिसंबर करने जा रही है। इस नई व्यवस्था से आम बजट नवंबर महीने में पेश किया जा सकता है। पिछले 150 साल से देश में वित्त वर्ष अप्रैल से मार्च का अनुपालन किया जा रहा है। इस नए कदम से 150 साल पुरानी परंपरा खत्म हो जाएगी। पीएम मोदी की ओर से इस बदलाव की वकालत करने पर सरकार ने वित्त वर्ष में बदलाव के लिए कमिटी का गठन किया है और इसे कैलेंडर वर्ष की तर्ज पर करने की कोशिश चल रही है।
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