ईरान ने भारत को दी बड़ी रियायत, डॉलर नहीं बल्कि रुपए में खरीद सकता है तेल
ईरान से कच्चे तेल आयात संबंधी प्रतिबंध नवंबर से लागू हो जाने के बाद भारत अपने इस तीसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता देश को कच्चे तेल के लिए एक बार फिर से रुपये में भुगतान कर सकता है।
नई दिल्ली। ईरान से कच्चे तेल आयात संबंधी प्रतिबंध नवंबर से लागू हो जाने के बाद भारत अपने इस तीसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता देश को कच्चे तेल के लिए एक बार फिर से रुपये में भुगतान कर सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ईरान से कच्चे तेल के आयात के लिये यूको बैंक या आईडीबीआई बैंक के जरिये भुगतान कर सकते हैं।
ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध चार नवंबर से प्रभावी हो जायेंगे। इसके बाद ईरान के साथ बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करते हुये डालर में भुगतान करना मुश्किल होगा। अधिकारी ने कहा कि तेलशोधक कारखानों ने सितंबर के अलावा अक्तूबर के लिए भी तेल की बुकिंग करायी है। सितंबर में खरीदे गए तेल का भुगतान नवंबर में करना होगा क्योंकि ईरान भुगतान के लिए 60 दिन का समय देता है।
अधिकारी ने कहा कि ईरान तेल के लिये रुपये में भुगतान स्वीकार करने के लिए तैयार है। उस राशि का इस्तेमाल वह भारत से खरीदे जाने वाले उपकरणों और खाद्य पदार्थों के भुगतान के लिए कर सकता है। भुगतान के लिए यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक को चिह्नित किया गया है क्योंकि अमेरिकी वित्तीय व्यवस्था में दोनों की उपस्थिति लगभग नगण्य है। वर्तमान में भारत अपने तीसरे सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश को यूरोपीय बैंकिंग चैनल के जरिये यूरो में भुगतान करता है। ये चैनल नवंबर से काम करना बंद कर देंगे।
भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान ईरान से ढाई करोड़ टन कच्च्रे तेल आयात की योजना बनाई थी। पिछले साल के 2.26 करोड़ टन के मुकाबले यह अधिक है। लेकिन अब वास्तविक आयात इससे कहीं कम होने का अनुमान है। रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों ने ईरान से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह बंद कर दिया है। अन्य भी आयात में काफी कमी कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में ईरान के साथ 2015 में हुये परमाणु समझौते से अपने आप को अलग कर लिया था। इसके बाद ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लग गये। कुछ प्रतिबंध छह अगस्त से लागू हो गये जबकि तेल एवं बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिबंध चार नवंबर से लागू होंगे।