भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा घरेलू LPG इस्तेमाल करने वाला देश, खपत बढ़कर 1.9 करोड़ टन हुई
मोदी सरकार की चलाई जा रही LPG योजना उज्ज्वला को जबरदस्त रिसपॉन्स मिला है इस कदम के बाद भारत LPG खपत करने के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है
नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर से चलाई जा रही सस्ती LPG गैस योजना (प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना) को जबरदस्त रिसपॉन्स मिला है। इस कदम के बाद भारत LPG खपत करने के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। आपकों बता दें कि देश में घरेलू LPG खपत बढ़कर 1.9 करोड़ टन तक पहुंच गयी है। सालाना आधार पर यह वृद्धि 19 फीसदी की है।
खपत बढ़ने की उम्मीद
- शहरी इलाकों में एलपीजी कन्ज्यूमर्स की संख्या बढ़ने और उज्ज्वला योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से एलपीजी खपत बढ़कर 2 करोड़ टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
- उज्ज्वला योजना के तहत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार साल 2019 तक 5 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन मुहैया करने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रही है।
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WLPGA ने भारत की तारीफ की
- उज्ज्वला योजना वैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के एनर्जी एक्सपर्ट्स के लिए उदाहरण बन गयी है जो अपने गरीब नागरिकों को स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
- यही वजह है कि विकसित देशों पर ध्यान केंद्रित रखने वाले वर्ल्ड LPG एसोसिएशन (WLPGA) ने अपनी एशिया समिट दिल्ली में आयोजित करने जा रही है।
- WLPGA प्रमुख यजी इबालो ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की तारीफ की और कहा, मुझे हैरत होती है कि उन्होंने यह उपलब्धि कैसे हासिल की।
उज्ज्वला के तहत 9 महीने में 1.6 करोड़ लोगों को मिला फायदा
- पीएम नरेंद्र मोदी ने मई 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी और लक्ष्य से ज्यादा महज 9 महीने में ही 1.6 करोड़ गरीब परिवारों तक इसका लाभ मिल गया। यह 2016-17 के पूरे वित्त वर्ष का लक्ष्य था।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा
प्रधान ने कहा, जब मैंने कार्यभार संभाला, हमारे सामने सब्सिडी की गड़बड़ व्यवस्था थी जिसमें अमीर और उच्च मध्य वर्गीय लोग एलपीजी सब्सिडी पाने के हकदार थे। कई ड्युप्लिकेट कनेक्शन थे और सब्सिडी वाली एलपीजी का कमर्शल और इंडस्ट्रियल यूज होता था। नतीजतन, बेहद गरीब आबादी तक एलपीजी पहुंच ही नहीं पाती थी। साल 2014 में करीब-करीब आधे भारतीय परिवार एलपीजपी कनेक्शन से महरूम थे। हमने ठान लिया कि इस परिस्थिति को बदलना है।
सुधारों से 21,000 करोड़ रुपए की हुई बचत
प्रधान ने कहा कि सब्सिडी मेकनिजम में सुधारों- फर्जी कनेक्शन का खात्मा और डायरेक्ट सब्सिडी ट्रांसफर- से मोदी सरकार ने दो साल में 21,000 करोड़ रुपए बचा लिए।
उन्होंने बताया कि इसी अवधि में सब्सिडी के 40,000 करोड़ रुपये सीधे ग्राहकों के खातों में ट्रांसफर किए गए।