हनोई। भारत और वियतनाम के बीच रक्षा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष से जुड़े 12 समझौते हुए हैं। वियतनाम के प्रधानमंत्री के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा क्षेत्र में दोस्ती बढ़ाने के लिए भारत ने 50 करोड़ डॉलर के उधार का भी ऐलान किया है।
इससे पहले राजधानी हनोई में पीएम का भव्य स्वागत किया गया। हनोई में पीएम मोदी ने अपने वियतनामी समकक्ष से भी मुलाकात की। वियतनाम के बाद पीएम मोदी चीन के हांग्जो के लिए रवाना होंगे। यहां वे 4 और 5 सितंबर को जी-20 समिट में हिस्सा लेंगे।
भारत-वियतनाम के व्यापारिक रिश्ते
भारत-वियतनाम के टॉप 10 व्यापारिक साझेदारों में से एक है। वियतनाम भारत के व्यापारिक साझेदारों में 28वें पायदान पर है। साल 2013 में दोनों देशों के बीच 523 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था और पिछले साल की तुलना में इसमें 32.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 560 करोड़ डॉलर हो गया। इसमें भारत का निर्यात 310 करोड़ डॉलर और आयात 250 करोड़ डॉलर था। दोनों देशों के बीच 2020 तक 1500 करोड़ डॉलर के व्यापार का लक्ष्य है।
भारत ने वियतनाम में 111 प्रोजेक्ट में निवेश किया है और इसमें करीब 5.3 करोड़ डॉलर की पूंजी लगी हुई है। भारतीय कंपनियां तेल और गैस, खनिज उत्खनन, चीनी की फैक्ट्री, एग्रो केमिकल, आईटी सहित तमाम क्षेत्रों में निवेश किया हैं। इनके अलावा टाटा ग्रुप को सॉकट्रांग प्रांत में 210 करोड़ डॉलर का थर्मल पावर प्लांट प्रोजेक्ट दिया गया हैष वियतनाम ने भी भारत की तीन परियोजनाओं में कुल 2.6 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इनमें ओएनजीसी, एनआईवीएल, नगोन कॉफी, टेक महिंद्रा, सीसीएल शामिल हैं।
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