नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आपसी व्यापारिक, आर्थिक संबंधों को विस्तार देने की इच्छा प्रकट करते हुए विमान और वाहनों के विनिर्माण के लिए कुछ संयुक्त उपक्रम गठित करने पर सहमति जताई है। PM मोदी के साथ गुरुवार को रूस में हुई शिखर बैठक के बाद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग पुन: वृद्धि के रास्ते पर लौट रहा है। यह भी पढ़े: 3 साल में PM मोदी ने की 3.4 लाख किमी की विदेशी यात्रा, जानिए मोदी के विदेश दौरों से जुड़े 7 रोचक फैक्ट्स
19 परियोजनाओं पर सहमति
विस्तृत जानकारी दिए बिना उन्होंने कहा, हमने 19 परियोजनाओं पर सहमति जताई है। इसमें नई तकनीक, दवा, कृषि, विमान, ऑटोमोबाइल विनिर्माण, हीरा उद्योग और परिवहन ढांचे के लिए संयुक्त उपक्रम गठित करने पर सहमति शामिल है। यह भी पढ़े: मोदी ने रूस की कंपनियों को रक्षा व अन्य क्षेत्रों में निवेश का दिया न्योता, स्वतंत्र साख निर्धारण उद्योग का करेंगे विकास
व्लादिमिर पुतिन ने कहा
इस सकारात्मक रझान को मजबूत करना दोनों देशों के हक में है। हमारी बातचीत हमेशा गर्मजोशी के साथ दोस्ताना माहौल में होती है और यह हमेशा विस्तृत और फलदायक होती है। इस बार भी यह कोई नई बात नहीं है। सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा-पत्र में जिन समझौतों पर सहमति जताई गई है उसमें राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को अधिक व्यापक बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी है।
मजबूत हो रहे है आर्थिक रिश्ते
उन्होंने कहा, व्यापार में वृद्धि, व्यापार के स्वरूप को सुधारना और औद्योगिक सहयोग का विस्तार करना हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में हमारा द्विपक्षीय व्यापार कम हो रहा था लेकिन इस साल इसमें सुधार आया है। वर्ष 2017 की पहली तिमाही में यह 29 प्रतिशत बढ़ा है। यह भी पढ़े: 2017 के पहले चार महीने में भारत से चीन को होने वाला निर्यात तेजी से बढ़ा, 5.57 अरब डॉलर का हुआ एक्सपोर्ट
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