नई दिल्ली। अमेरिकी बाजार में सबसे ज्यादा अधिग्रहण करने वाले टॉप 10 देशों की सूची में इस साल भारत का नाम भी शामिल हो गया है। बेकर और मैकेंजी की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अमेरिका में भारतीय कंपनियों ने 1.7 अरब डॉलर मूल्य के 16 अधिग्रहण सौदे किए हैं। इनमें से अधिकांश अधिग्रहण फार्मा सेक्टर में हुए हैं।
बेकर और मैकेंजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल 1.5 अरब डॉलर मूल्य के छह अधिग्रहण सौदे फार्मा सेक्टर में हुए हैं। यह सौदे इस बात को दर्शाते हैं कि भारतीय कंपनियां अमेरिकी जेनरिक बाजार में अपनी उपस्थिती को और मजबूत बनाना चाहती हैं।
बेकर और मैकेंजी इंडिया के ग्लोबल हेड अशोक लालवानी कहते हैं कि भारतीय कंपनियां, विशेषकर फार्मा सेक्टर में, अधिग्रहण के मूड में हैं और यह ट्रेंड निकट भविष्य में बना रहेगा। लालवानी ने कहा कि अधिकांश अधिग्रहण के लिए राशि कंपनियों ने आंतरिक स्रोतों से जुटाई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियों के पास पर्याप्त नगदी भंडार है, इसलिए वे प्रतिस्पर्धी होते जेनेरिक बाजार में अपनी उपस्थिती को और मजबूत करना चाहती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों में अधिग्रहण के लिए भारत तेजी से उभरता देश है। भारत सरकार लगातार सुधारों के जरिये विदेशी निवेशकों के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को खोल रही है, ऐसे में यूएस में सौदे करवाने वालों के लिए भारत सबसे पसंदीदा देश बन गया है।
बेकर और मैकेंजी में विलय और अधिग्रहण प्रमुख माइकल डीफ्रांको ने कहा कि भारत के प्रति लोग आशवादी हैं और इसी वजह से लोग भारत में निवेश के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यहां कुछ जोखिम भी हैं जो बाजार गतिविधियों में रुकावट पैदा कर सकते हैं।
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