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Hindi News पैसा बिज़नेस सोलर एनर्जी में भारत टॉप-5 देशों में शामिल, पीएम ने किया रीवा में 750 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन

सोलर एनर्जी में भारत टॉप-5 देशों में शामिल, पीएम ने किया रीवा में 750 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन

सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो। अब इसी दिशा में तेज़ी से काम चल रहा है।

India among top 5 nations in solar energy, says Prime Minister Narendra Modi - India TV Paisa Image Source : GOOGLE India among top 5 nations in solar energy, says Prime Minister Narendra Modi

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्‍य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि सोलर एनर्जी के मामले में भारत अब दुनिया के शीर्ष पांच देशों की सूची में शामिल हो गया है। उन्‍होंने कहा कि आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि रीवा का ये सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को, इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना को दिल्ली से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना में 250 मेगावाट क्षमता की तीन ईकाईयां है। यह सौर उर्जा परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है। इस परियोजना की 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो को दी जाएगी। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना है।

इस सौर पार्क का कुल क्षेत्रफल 1500 हेक्टेयर है। प्रत्येक इकाई 500 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित है। सौर पार्क को मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम मर्यादित तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा विकसित किया गया है। पार्क को विकसित करने के लिए  आरयूएमएसएल को केंद्र से 138 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

पीएम मोदी ने बताया कि इसके अलावा रीवा की ही तरह शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी बड़े सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है। ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों को होगा, किसानों को होगा, आदिवासियों को होगा। सौर ऊर्जा आज की ही नहीं बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा ज़रूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है।

पीएम मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा, स्‍योर है, प्‍योर है और सिक्‍योर है। जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है। जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, प्रगति की बात करते हैं तो अर्थव्‍यवस्‍था उसका एक अहम पक्ष होता है। पूरी दुनिया के नीति निर्माता बरसों से दुविधा में है, कि अर्थव्‍यवस्‍था की सोचें या पर्यावरण की।

आज आप देखेंगे कि सरकार के जितने भी कार्यक्रम हैं, उनमें पर्यावरण सुरक्षा और ईज ऑफ लिविंग को प्राथमिकता दी जा रही है। हमारे लिए पर्यावरण की सुरक्षा सिर्फ कुछ प्रोजेक्ट्स तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये जीवन जीने का एक तरीका भी है। जब हम रिन्‍यूबल एनर्जी के बड़े प्रोजेक्‍ट्स लॉन्च कर रहे हैं, तब हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि साफ-सुथरी ऊर्जा के प्रति हमारा संकल्प जीवन के हर पहलू में दिखे।

हम कोशिश कर रहे हैं कि इसका लाभ देश के हर कोने, समाज के हर वर्ग, हर नागरिक तक पहुंचे। एलईडी बल्ब से बिजली का बिल कम हुआ है। इसका एक और महत्वपूर्ण पहलू है। एलईडी बल्ब से करीब साढ़े 4 करोड़ टन कम कार्बन डाई ऑक्‍साइड पर्यावरण में जाने से रुक रही है, यानि प्रदूषण कम हो रहा है। बिजली सबतक पहुंचे, पर्याप्त बिजली पहुंचे। हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं।

यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है: जिस तरह से भारत में सोलर पावर पर काम हो रहा है, ये चर्चा और बढ़ने वाली है। ऐसे ही बड़े कदमों के कारण भारत को क्लीन एनर्जी का सबसे आकर्षक बाजार माना जा रहा है। दुनिया की, मानवता की, भारत से इसी आशा, इसी अपेक्षा को देखते हुए, हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हुए हैं। इसी सोच का परिणाम आइसा यानि इंटरनेशनल सोलर अलायंस है। वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड, के पीछे की यही भावना है।

पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रकार से सौर ऊर्जा ने आम ग्राहक को उत्पादक भी बना दिया है, पूरी तरह से बिजली के बटन पर कंट्रोल दे दिया है।बिजली पैदा करने वाले बाकी माध्यमों में सामान्य जन की भागीदारी ना के बराबर रहती है। जो पहला प्लांट है, जो पारंपरिक खेती है, वो हमारा किसान ऐसी जमीन पर लगाता है जो उपजाऊ होती है।

लेकिन ये जो दूसरा सोलर एनर्जी प्लांट है, ये ऐसी जमीन पर भी लगेगा जो उपजाऊ नहीं है, फसल के लिहाज से अच्छी नहीं है। मुझे पूरा विश्वास है कि मध्य प्रदेश के किसान साथी भी अतिरिक्त आय के इस साधन को अपनाने और भारत को ऊर्जा निर्यातक  बनाने के इस व्यापक अभियान को ज़रूर सफल बनाएंगे।

ये विश्वास इसलिए अधिक है क्योंकि मध्य प्रदेश के किसानों ने संकल्प को सिद्धि में बदलकर दिखाया है। सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो। अब इसी दिशा में तेज़ी से काम चल रहा है।

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