A
Hindi News पैसा बिज़नेस भारत 2021 तक सबसे ज्यादा कर्ज बोझ वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा: मूडीज

भारत 2021 तक सबसे ज्यादा कर्ज बोझ वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा: मूडीज

केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

<p>उभरती हुई...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा कर्ज बोझ वाले देशों में शामिल हो सकता है भारत 

नई दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2021 तक भारत उभरते बाजारों में सबसे अधिक कर्ज बोझ वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक वृद्धि और राजकोषीय गणित का बड़े उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव होगा और अगले कुछ सालों तक उनका कर्ज बोझ काफी ऊंचा होगा। मूडीज का कहना है कि उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़े प्राथमिक घाटे की वजह से उनका कर्ज बोझ 2019 के मुकाबले 2021 तक 10 प्रतिशत अंक तक बढ़ सकता है। इनमें से कुछ पर ऊंचे ब्याज भुगतान का भी बोझ होगा जिससे उनका कर्ज बोझ और बढ़ेगा। मूडीज ने कहा कि बड़े उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्थाओं में ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका का कर्ज बोझ सबसे ज्यादा हो सकता है। एजेंसी ने कहा है कि कमजोर वित्तीय प्रणाली और आकस्मिक देनदारियों के चलते भारत, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के लिये यह जोखिम ज्यादा है।

कल ही जारी आंकड़ों के मुताबिक केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा इसके वार्षिक अनुमान की तुलना में 103.1 प्रतिशत यानी 8,21,349 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले इन्हीं चार माह की अवधि में यह वार्षिक बजट अनुमान का 77.8 प्रतिशत रहा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

Latest Business News