नई दिल्ली। भारत उन पांच देशों में शुमार है जो डॉलर के मजबूत होने से सबसे कम जोखिम की स्थिति में हैं। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने गुरुवार एक रिपोर्ट में कहा कि डॉलर के मजबूत होने से अन्य मुद्राओं पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन भारत सबसे कम जोखिम वाले देशों में है। अमेरिकी डॉलर के अन्य मुद्राओं की तुलना में मजबूत होने के प्रभावों पर अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने कहा कि डॉलर की मजबूती से कई उभरते बाजारों में विदेशी मुद्रा भंडार में उल्लेखनीय कमी आई है।
हालांकि भारत, चीन, ब्राजील, मेक्सिको और रूस उन देशों में हैं जो मुद्रा के दबाव को लेकर सबसे कम जोखिम की स्थिति में हैं। मूडीज ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र के जरिये बड़ी बचत के जरिये ये अर्थव्यस्थाएं घरेलू स्तर पर ही अपना वित्तपोषण करने की स्थिति में हैं।
गुरुवार रुपया शुरुआती कारोबार में अपने सर्वकालिक निचले स्तर 69.10 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। 15 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 410.07 अरब डॉलर था।
मूडीज ने कहा कि हालांकि, भारत का चालू खाते का घाटा (CAD) कच्चे तेल की कीमतों की वजह से बढ़ा है , लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रतिशत में बहुत ऊंचा नहीं है। इसकी भरपाई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आदि के जरिये की जा सकती है।
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