नई दिल्ली। चीनी उत्पादन में कमी आने की संभावनाओं के बीच इसकी घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 5 लाख टन कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है। संसद में पेश एक अधिसूचना में बताया गया है कि टैरिफ रेट कोटा (TRQ) के तहत 12 जून तक शुल्क मुक्त आयात की अनुमति होगी।
अधिसूचना का ब्यौरा देते हुए एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दक्षिणी बंदरगाहों को 3 लाख टन कच्ची चीनी का आयात करने की अनुमति होगी जबकि पश्चिमी तट के बंदरगाहों को 1.5 लाख टन और पूर्वी तट के बंदरगाहों को 50,000 टन का आयात करने की अनुमति होगी।
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अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक रिफाइनरी के लिए आयात और खेप की मात्रा विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा निर्धारित की जाएगी जो कुल रिफाइनिंग क्षमता, चालू वर्ष में क्षमता उपयोग और स्थान विशेष में मांग जैसे मानदंडों पर आधारित होगा।
उन्होंने कहा कि आयात करने के लिए रिफाइनिंग कंपनियों को DGFT में आवेदन करना होगा। आयात के खेप की मात्रा की सीमा निर्धारित की गई है ताकि अगले चीनी विपणन वर्ष पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो तथा सितंबर में समाप्त हो रहे चालू विपणन वर्ष 2016-17 के दौरान सट्टेबाजी पर अंकुश रहे।
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भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। जहां चीनी उत्पादन 2.45 से 2.5 करोड़ टन की वार्षिक आवश्यकता के मुकाबले काफी कम रहने का अनुमान है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, देश में सूखे की वजह से चीनी का उत्पादन चालू चीनी विपणन वर्ष 2016-17 में 2.03 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल उत्पादन 2.51 करोड़ टन था।
पिछले साल के 77 लाख टन के बचे हुए स्टॉक के साथ इस वर्ष देश में 2.8 करोड़ टन चीनी उपलब्ध होगी जो वार्षिक आवश्यकता के मुकाबले काफी अधिक होगी। देश में करीब 29 रिफाइनिंग कंपनियां हैं।
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