नई दिल्ली। संकटग्रस्त इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड (आईएलएंडएफएस) को एक लाइफलाइन मिल गई है। इसके शेयरधारकों ने कर्ज और इक्विटी के जरिये धन जुटाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। आईएलएंडएफएस के नकदी संकट से देश के शेयर बाजार घबराएं हुए हैं।
कंपनी ने नियामकीय जानकारी में कहा है कि शेयरधारकों ने आईएलएंडएफएस को नॉन-कन्वर्टिबल डेट इश्यू के जरिये 150 अरब रुपए जुटाने, कंपनी की उधारी सीमा 40 प्रतिशत बढ़ाकर 350 अरब रुपए करने और राइट पेशकश के लिए अपनी शेयर कैपिटल को बढ़ाने की मंजूरी दी है।
आईएलएंडएफएस पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मदद उपलब्ध कराती है और इसे केंद्रीय बैंक ने महत्वपूर्ण श्रेणी में रखा है। अगस्त के कुछ भुगतान में चूकने के बाद कुछ घरेलू म्यूचुअल फंड हाउसों में चिंता पैदा हो गई जिससे उन्होंने बाजार में बिकवाली कर कंपनी के शेयर नीचे ला दिए।
आईएलएंडएफएस के निवेशकों में भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी और जापान का ओरिक्स कॉर्प शामिल हैं। आईएलएंडएफएस के सबसे बड़े शेयरधारक एलआईसी के चेयरमैन वीके शर्मा ने शुक्रवार को कहा था कि संकटग्रस्त समूह संपत्ति बेचकर 600 अरब रुपए जुटा सकता है। आईएलएंडएफएस ने शनिवार को अलवारेज एंड मार्सल को रिस्ट्रक्चरिंग प्लान का सुझाव देने के लिए नियुक्त किया है, जिसे बोर्ड और शेयरधारकों की अनुमति के बाद लागू किया जाएगा।
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