चालू वित्त वर्ष का जीडीपी वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 9.4 प्रतिशत किया: इंडिया रेटिंग्स
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान को बनाए रखा है जबकि अन्य विश्लेषकों का अनुमान 7.9 प्रतिशत या उससे ज्यादा का है।
नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड रा) ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को संशोधित कर 9.4 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने कोविड की दूसरी लहर, बढ़ता निर्यात और मानसून की पर्याप्त बारिश के बीच आश्चर्यजनक रूप से आर्थिक गतिविधियों में तेजी को देखते हुए अपने अनुमान को संशोधित किया है। इंड रा ने इससे पहले दिसंबर 2021 तक ज्यादातर युवाओं का टीकाकरण होने की स्थिति में 9.6 प्रतिशत और मार्च 2022 तक टीकाकरण होने पर अर्थव्यवस्था में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया था। इंड रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार दिसंबर 2021 तक सभी युवाओं का टीकाकरण नहीं कर पाएगी। टीकाकरण के मार्च तक ही पूरा होने की संभावना है, बहरहाल एजेंसी ने इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अपने पहले के अनुमान को बढ़ाया है।
क्यों बढ़ा ग्रोथ अनुमान
एजेंसी के प्रमुख अर्थशास्त्री और सार्वजनिक वित्त निदेशक सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव के बाद जून और जुलाई में आर्थिक गतिविधियां आश्चर्यजनक रूप से तेज रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार भी अच्छा कर रहे हैं क्योंकि भारत में कोविड का खतरा बढ़ने की आशंका से निर्यात बढ़ रहा है। वही दक्षिण पश्चिम मानसून पुनर्जीवित हो गया है,जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के वृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाता है। वही भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान को बनाए रखा है जबकि अन्य विश्लेषकों का अनुमान 7.9 प्रतिशत से दोहरे अंकों के बीच में है।
आरबीआई ने भी तेज रिकवरी की कही बात
आरबीआई के एक लेख में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में धीरे-धीरे तेजी दर्ज होने और सर्विस सेक्टर में गिरावट के कम होने से अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। आरबीआई के लेख में कहा गया है कि राज्यों द्वारा प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक हटाने के साथ, लोगों की गतिविधियां एक बार फिर उस जगह पर पहुंच गई हैं जहां वो दूसरी लहर के शुरू होने से पहले फरवरी 2021 में दर्ज की गई थी, यानि अर्थव्यवस्था दूसरी लहर के झटके से बाहर निकल आई है। लेख के अनुसार, जुलाई 2021 में ईंधन की खपत में वृद्धि दर्ज की गई। जबकि पेट्रोल की खपत पूर्व-महामारी के स्तर पर पहुंच गई और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) ने पिछले माह के मुकाबले सुधार दर्ज किया गया है, हालांकि डीजल की खपत में गिरावट दर्ज हुई, लेकिन वो मामूली रही। इसके साथ ही महंगाई दर में भी राहत हैं जिससे संकेत मिले हैं कि महंगाई में हाल में आई तेजी छोटी अवधि की थी जो कि अब गुजर चुकी है।
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