नई दिल्ली। सरकार विदेश व्यापार नीति (FTP) की मध्यावधि समीक्षा आज जारी करेगी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि रोजगार सृजन और व्यापार के लिए आवागमन की सुविधा में सुधार मध्यावधि समीक्षा के मुख्य बिंदु हो सकते हैं। इसके अलावा समीक्षा में निर्यातकों की जीएसटी से जुड़ी दिक्कतों को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि विदेश व्यापार नीति की मध्यावधि समीक्षा में कीमतों को नीचे लाने में मदद के लिए आवागमन की सुविधा में सुधार को प्राथमिकता दी जा सकती है।
इसके अलावा श्रम आधारित क्षेत्रों जैसे वस्त्र और चमड़ा उद्योग में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना भी समीक्षा के अहम बिंदुओं में शामिल है। उल्लेखनीय है कि निर्यातक लंबे समय से जीएसटी लागू किए जाने से उत्पन्न हुई चुनौतियों को लेकर चिंता जता रहे हैं। इस बीच, कुछ लोगों ने निर्यातकों को नई प्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दायरे से बाहर रखने का भी सुझाव दिया। निर्यातकों ने रिफंड प्रक्रिया में तेजी लाने की भी मांग की थी क्योंकि रिफंड प्रक्रिया धीमी होने से कार्यशील पूंजी अटक जाती है।
मध्यावधि समीक्षा एक जुलाई से पहले जारी की जानी थी, जिस समय जीएसटी लागू किया गया था। हालांकि, इसे टाल दिया गया था क्योंकि सरकार जीएसटी के संबंध में निर्यातकों की प्रतिक्रिया जानना चाहती थी। अक्तूबर में निर्यात नकारात्मक दायरे में आ गया है। अक्तूबर महीने में निर्यात 1.12 प्रतिशत गिरा है। जीएसटी लागू होने के बाद निर्यातकों के सामने नकदी की समस्या आने के चलते निर्यात नीचे आ रहा है। पांच वर्षीय विदेश व्यापार नीति एक अप्रैल 2015 को घोषित की गई थी और इसमें देश का माल एवं सेवा निर्यात साल 2022 तक 900 अरब डॉलर होने का लक्ष्य रखा गया था।
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