नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से दिए अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद चार साल से अधिक समय में इनकम टैक्स देने वालों की संख्या करीब दोगुनी होकर पौने 7 करोड़ पर पहुंच गई। इतना ही नहीं अप्रत्यक्ष कर के दायरे में आने वालों का आंकड़ा एक करोड़ से ऊपर निकल गया।
GST की वजह अप्रत्यक्ष कर देने वालों की संख्या बढ़ी
प्रधानमंत्री ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘वर्ष 2013 से पहले तक प्रत्यक्ष कर देने वालों की संख्या जहां 4 करोड़ से भी कम थी वहीं आज यह संख्या करीब दोगुनी होकर पौने 7 करोड़ तक पहुंच गई। वहीं अप्रत्यक्ष कर के दायरे में आने वाले कारोबारियों, व्यापारियों और उद्यमियों की संख्या पिछले 70 साल में जहां 70 लाख के आंकड़े तक पहुंची थी वहीं माल एवं सेवाकर (GST) लागू होने के एक साल में ही यह 1.16 करोड़ तक पहुंच गई।’’ उन्होंने इस मौके पर ईमानदारी से कर चुकाने वालों की सराहना भी की।
13 करोड़ मुद्रा लोन
मोदी ने कहा कि देश का व्यक्ति ईमानदारी से जो कर देता है, उन पैसों से कल्याणकारी योजनायें चलती हैं, उस पैसे से गरीब परिवारों को खाना मिलता है .. सस्ता भोजन उपलब्ध होता है। मुद्रा योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नौजवानों के लिये स्वरोजगार शुरू करने के लिये सरकार की इस योजना के तहत पिछले चार साल में 13 करोड़ लोगों को मुदा योजना के तहत कर्ज दिया गया। इनमें चार करोड़ ऐसे नौजवान हैं जिन्होंने पहली बार कर्ज लिया और कारोबार शुरू किया।
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