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Union Budget 2016-17: बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत की उम्मीद, बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट की लिमिट

वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट में सैलरीड क्लास की खरीदारी शक्ति बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आय पर टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा ढ़ाई लाख से बढ़ा सकते हैं।

Union Budget 2016-17: बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत की उम्मीद, बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट की लिमिट- India TV Paisa Union Budget 2016-17: बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत की उम्मीद, बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट की लिमिट

नई दिल्ली। आगामी बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट में सैलरीड क्लास की खरीदारी शक्ति बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आय पर टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा ढ़ाई लाख से बढ़ा सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर बजट में कारोबारियों को झटका लग सकता है। बजट में कार्पोरेट टैक्स की दर में कटौती और इंडस्ट्रीज को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की टैक्स रियायतों को धीरे धीरे वापस लेने की शुरुआत होने की संभावना है।

टैक्स छूट 2.50 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करने की जरूरत

जेटली 29 फरवरी को 2016-17 का वार्षिक आम बजट पेश करेंगे। इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम की इनडायरेक्ट टैक्स कमेटी के अध्यक्ष निहाल कोठारी ने कहा, इनकम टैक्स के मोर्चे पर कुछ होना चाहिए। कोठारी ने कहा कि इस बजट में आयकर छूट सीमा ढ़ाई लाख से बढ़कर तीन लाख किए जाने की जरूरत है। इससे अर्थव्यवस्था में खपत और ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। अब तक आम नौकरी पेशा व्यक्ति को ढ़ाई से पांच लाख रुपए की आय पर 10 फीसदी और पांच से दस लाख रुपए की सालाना आय पर 20 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है। दस लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। वरिष्ठ नागरिकों और 80 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के मामले में टैक्स छूट की सीमा और ज्यादा है।

कारोबारियों को लग सकता है झटका

दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, इस बार कंपनी टैक्स की दर में घोषित योजना के अनुसार कटौती के साथ साथ कई प्रकार की रियायतें वापस लिए जाने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स के अनुसार आम बजट में कॉर्पोरेट टैक्स में एक फीसदी की कटौती की जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ कई उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और अन्य करों में दी जाने वाली कुछ छूट समाप्त की जा सकती है। सरकार ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठकों में इस तरह के संकेत दे रखे हैं। जेटली ने पिछले बजट में घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने के ध्येय से कंपनी कर को चार साल में मौजूदा 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी पर लाने की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने करों में दी जाने वाली तमाम तरह की छूटों को भी धीरे धीरे समाप्त करने का प्रस्ताव किया था ताकि कर प्रणाली को अधिक सरल और प्रभावशाली बनाया जा सके।

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