नई दिल्ली। इनकम टैक्स अधिकारियों के विवेकाधीन अधिकारों को कम करते हुए आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वह सम्मन, नोटिसों और विशेष ऑडिट संबंधी अपने आदेशों का डिजिटल रिकॉर्ड रखें।
आयकर विभाग ने विभाग में नियमित कामकाज के लिये एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म तैयार किया है। इसमें सम्मन, नोटिस और विशेष ऑडिट के आदेश जारी करने के लिये एक नियमित मापदंड तय किया गया है।
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अब रखना होगा ऑनलाइन डिजिटल रिकॉर्ड
- इन नए मानदंडों के मुताबिक आयकर प्रशासन को अब जारी होने वाले आदेशों का पूरा ऑनलाइन डिजिटल रिकॉर्ड रखना होगा।
- उन्हें करदाताओं से मिली प्रतिक्रिया, पूछताछ और इस संबंध में जरूरी मंजूरियों के संबंध में पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन रखना होगा।
- आयकर कानून की धारा 131 के तहत सम्मन जारी करने के मामले में अधिकारियों को अब सम्मन किये गये व्यक्ति का ब्यौरा उसका समय और तिथि, उसके बाद उसके समक्ष पहुंचे व्यक्ति का वक्तव्य रिकॉर्ड करना और दस्तावेज यदि कोई सौंपा गया, इसके सहित पूरा रिकार्ड संलग्न के तौर पर रखना होगा।
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विशेषज्ञों का कहना है कि
विभाग का यह कदम उसके कामकाज में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और अधिकारियों के विवेकाधीन अधिकारों का इस्तेमाल कम करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
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