नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद सहकारी बैंकों के खातों में गंभीर गड़बड़ी होने का अंदेशा जताया है। विभाग ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को पत्र लिखकर कई सहकारी बैंकों के खातों में करोड़ों रुपए के कथित अवैध लेन-देन के बारे में जानकारी दी है।
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इनकम टैक्स विभाग द्वारा तैयार विश्लेषण रिपोर्ट में दो विशेष मामलों की जानकारी दी गई है। इसमें मुंबई और पुणे के दो मामलों का जिक्र किया गया है जिनमें दो बैंकों ने कालाधन सृजन को देखते हुए 500, 1000 के पुराने नोटों में 113 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि होने की जानकारी नियामक को दी।
रिपोर्ट में हुआ यह अहम खुलासा
- रिपोर्ट के अनुसार, पुणे के बैंक ने रिजर्व बैंक को 242 करोड़ रुपए के नोट होने की जानकारी दी जबकि उसके पास वास्तव में 141 करोड़ रुपए ही थे।
- यानी इस सहकारी बैंक ने 23 दिसंबर 2016 को अपने पास 101.70 करोड़ रुपए के अतिरिक्त पुराने नोट होने की जानकारी दी।
- मुंबई में इसी तरह के एक मामले में बैंक ने 11.89 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि होने की जानकारी दी।
- इनकम टैक्स विभाग ने पिछले साल नोटबंदी के बाद इन दोनों बैंकों का सर्वे किया।
- इस दौरान उसे पुराने चलन से बाहर किये गये नोटों की इन बैंकों में उपलब्धता और RBI को दी गई जानकारी में गंभीर अंतर नजर आया।
- आयकर विभाग ने इससे पहले भी कई सहकारी बैंकों के कामकाज को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
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अधिकारियों ने कहा कि :
- उन्होंने इस बारे में RBI को जानकारी दी है और लगातार इस बारे में ताजा जानकारी दी जाती रही है।
- पुराने नोटों की उपलब्धता से अधिक जानकारी देने पर पुराने नोटों को 30 दिसंबर 2016 के बाद भी नए नोटों में बदलने की गंभीर संभावना बनी रहती है।
- 500, 1,000 रुपए के पुराने नोटों को नये नोटों से बदलने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर रखी गई थी।
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