नोटबंदी के बाद ऐसी चालाकी करने वालों को IT विभाग भेज रहा है नोटिस, कहीं आप भी तो रडार पर नहीं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक तय लिमिट में रकम जमा करने पर आपको कोई फर्क नहीं पड़े, तो ऐसा गलत हैं। IT विभाग किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए नोटिस भेज सकता है।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार की ओर से 500-1000 रुपए के पुराने नोटों को बैन किए जाने के बाद लोगों को सबसे बड़ा डर उनके बैंक अकाउंट में डिपॉजिट को लेकर है। हालांकि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 2.5 लाख रुपए तक की रकम जमा करने पर आपसे किसी तरह की कोई पूछताछ नहीं होगी लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक तय लिमिट में रकम जमा करने पर आपको कोई फर्क नहीं पड़े, तो ऐसा गलत हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए नोटिस भेज सकता है। इसलिए हम आपको यहां ऐसी अहम जानकारियों देने जा रहे है। जिनको ध्यान में रखकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज रहा है।
नोटबंदी के बाद जन धन खातों में जमा हुआ 21,000 करोड़ रुपए
(1) अगर की दोस्तों या रिश्तेदारों मदद
- अपने कैश को ठिकाने लगाने के लिए कई लोग दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद ले रहे हैं।
- अगर आपने भी ऐसे किसी की मदद की है तो आपका डरना वाजिब है।
- दरअसल आपके खाते में जमा रकम को सही साबित करना आपकी जिम्मेदारी है न कि आपके दोस्त या रिश्तेदार की।
- विभाग इस दलील को भी नहीं मानेगा कि आपने यारी-दोस्ती में इतनी बड़ी रकम स्वीकार कर ली।
- अगर किसी की मदद की वजह से आप हाई ट्रांजैक्शंस के दायरे में आ गए तो शायद नोटिस आप तक पहुंच सकता है। हालांकि वजह सही हो तो आप कार्रवाई से बच सकते हैं।
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(2) अगर नहीं भरा आईटीआर लेकिन जमा की बड़ी रकम
- अगर आप आईटीआर नहीं भरते लेकिन तय लिमिट से ज्यादा रकम जमा कर रहे हैं तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।
- रकम जितनी ज्यादा बड़ी होगी नोटिस की संभावना उतनी ज्यादा होगा।
- अगर आपके पास कमाई के जरियों की पूरी जानकारी है तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
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(3) अगर की हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन
- काले धन को ठिकाने लगाने के लिए फैसले के साथ ही लोगों ने पैसे खर्च करने के कई तरीके तलाशने की कोशिश की। इसी वजह से एक झटके से हाई वैल्यू ट्रांजैक्शंस बढ़ गए।
- अगर आपने फैसले के बाद हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन किया है लेकिन उसकी जानकारी साझा नहीं की तो यकीन मानिए आईटी विभाग की आप पर नजर है।
- शादियों की वजह से या फिर किसी और सही वजह से आपने ट्रांजैक्शन किया है तो घबराइए नहीं विभाग को जानकारी देकर निश्चिंत हो जाएं।
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(4) अगर हुई है मल्टीपल ट्रांजेक्शन
- अगर आपने कुछ पैसे अपने दोस्तों या रिश्तेदारओं के अकाउंट में खपाए हैं।
- कुछ की खरीदारी की है और कुछ कैश खाते में जमा कराया है, तो भी आप को चिंता करने की जरूरत है।
- दरअसल संदिग्ध ट्रांजैक्शन में विक्रेता या जमा करने वाले से सोर्स की जानकारी मांगी जा सकती है।
- किसी दूसरे के जरिए किए गए ट्रांजेक्शन में नाम आने पर इन सभी जानकारियों को मिलाया जा सकता है।
अगर जानकारियों आपके खिलाफ गईं तो नोटिस आपका इंतजार कर रहा है।
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(5) बैंक में जमा रकम ITR से मैच नहीं
- अगर आप आईटीआर भरते हैं लेकिन कैश में जमा की गई रकम आईटीआर के मुकाबले कहीं ज्यादा है तो हो सकता है कि विभाग आपसे इसकी वजह पूछ ले।
- अंतर जितना ज्यादा होगा नोटिस की संभावना उतनी ज्यादा होगी।
- उदाहरण के लिए अगर आप आईटीआर के जरिए 5 लाख से कम आय दिखाते हैं।
- लेकिन दो महीने में साल की पूरी आय से कहीं ज्यादा कैश जमा कर रहे हैं, तो विभाग का संदेह करना बनता है। अगर आप इस रकम का सोर्स दिखा सकते हैं तो टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं।
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(6) सालभर की ट्रांजैक्शन पर भी नजर
- आईटी विभाग आपसे पूरे साल की आय की जानकारी मांगता है और उसी आधार पर टैक्स देनदारी तय होती है।
- अगर आप नोट बंदी के बाद निश्चित सीमा से अंदर पैसा जमा करते हैं तो भी ध्यान रखें कि जमा की गई रकम पूरे साल की आय में जोड़ी जाएगी।
- अगर कुल रकम निश्चित सीमा से अधिक है और आपके औसत जमा से कहीं ज्यादा है। तो भी आप संभावित नोटिस के दायरे में आ सकते हैं।
(7) जनधन अकाउंट पर नजर
- जनधन अकाउंट गरीबों की मदद के लिए खोले गए थे। हालांकि आशंका है कि नोट बंदी के बाद ये खाते अमीरों के कैश छिपाने में काम आ रहे हैं।
- सरकार इन खातों पर भी नजर रख रही है। अब तक आए आंकड़ों के मुताबिक जनधन अकाउंट में 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हो चुका है।
- सरकार नजर रख रही है कहीं इन अकाउंट के जरिए कई लोग मिल कर किसी एक की ब्लैक मनी को व्हाइट तो नहीं कर रहे।
- अगर ऐसा संदेह होता है तो जनधन अकाउंट में जमा रकम पर भी पूछताछ संभव है।