A
Hindi News पैसा बिज़नेस आयकर विभाग कंपनियों के लिए विदहोल्डिंग कर की दर घटाने के मुद्दे पर गौर करने को तैयार

आयकर विभाग कंपनियों के लिए विदहोल्डिंग कर की दर घटाने के मुद्दे पर गौर करने को तैयार

आयकर विभाग भारत में कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए विदहोल्डिंग कर की दर कम करने पर विचार के लिए तैयार है।

आयकर विभाग कंपनियों के लिए विदहोल्डिंग कर की दर घटाने के मुद्दे पर गौर करने को तैयार- India TV Paisa आयकर विभाग कंपनियों के लिए विदहोल्डिंग कर की दर घटाने के मुद्दे पर गौर करने को तैयार

नई दिल्ली। आयकर विभाग भारत में कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए विदहोल्डिंग कर की दर कम करने पर विचार के लिए तैयार है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्र ने भारत में काम कर रही कंपनियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से वाजिब कर जमा कराने को कहा है और साथ ही कहा है कि कर परिवर्जन रोधी सामान्य नियमों (गार) जैसे प्रावधानों का दुरुपयोग नहीं हो इसके लिए उपयुक्त सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए गए हैं।

उन्होंने उद्योग जगत के विशेषज्ञों से विदहोल्डिंग कर के मुद्दे पर आगे आकर सुझाव देने को भी कहा। उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कर सम्मेलन में चंद्र ने कहा, हमें यह बताएं कि किन क्षेत्रों में टीडीएस स्रोत पर कर कटौती ज्यादा है ताकि हम इसे कम करने के बारे में सोच सकें और कर कम कर सकें। हम निश्चित तौर पर ऐसा कोई भी सुझाव सुनने के लिए तैयार हैं, जिससे एक वास्‍तविक करदाता का जीवन आसान होता हो।

अभी देश में काम करने वाली घरेलू और विदेशी कंपनियों को दूसरे पक्ष को किसी तरह का भुगतान करने से पहले उस पर स्रोत पर कर की कटौती कर उसे अपने हाथ में रखने (विदहोल्ड करने) की आवश्यकता होती है और फिर उसे यह कर सरकार के पास जमा कराना होता है। कंपनियों को आम तौर पर कर ब्याज, रॉयल्टी या तकनीकी सेवाओं के लिए दी गई फीस लेकर अपने पास रखनी होती है और बाद में उसे सरकारी खजाने में जमा कराना होता है।

एसोचैम की प्रत्यक्ष कर पर राष्ट्रीय परिषद के चेयरमैन राहुल गर्ग ने कहा कि कारोबार की विभिन्न श्रेणियों में विदहोल्डिंग कर की दर 1 से 42 प्रतिशत तक है। ऐसे मामलों में रिफंड काफी होता है, इसलिए हमारा सुझाव है कि विभाग आकलन कर टीडीएस की दर उन लोगों के लिए कम कर दे जिन निवेशकों को वह हर साल रिफंड करता है।

Latest Business News