नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की सहयोगी, वीके शशिकला की 1,600 करोड़ रुपए की 'बेनामी' संपत्ति को कुर्क किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चेन्नई, पुदुचेरी और कोयम्बटूर में स्थित नौ संपत्तियों को नवंबर 2016 में नोटबंदी के तुरंत बाद खरीद लिया गया था, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के दो अधिक मूल्य के नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया था।
सूत्रों ने कहा कि इन कथित 'बेनामी' संपत्ति को शशिकला ने लगभग 1,500 करोड़ रुपए के विमुद्रीकृत नोटों का उपयोग करके खरीदा था और संपत्तियों को फर्जी नामों से ली गयी थी। अधिकारियों ने कहा कि शशिकला के खिलाफ बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 की धारा 24 (3) के तहत कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बेंगलुरु की जेल में बंद हैं। यह कानून निष्क्रिय था और इसे मोदी सरकार द्वारा नवंबर 2016 से लागू किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि इन परिसंपत्तियों को खरीदने के लिए भुगतान 'नकद' में किया गया था और निष्पादन का काम दोनों पक्षों के बीच 'समझौता ज्ञापन' पर हस्ताक्षर के जरिए किया गया। कर विभाग ने शशिकला और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2017 में बड़े पैमाने पर छापे मारे थे और समझा जाता है कि इन परिसंपत्तियों के बारे में दस्तावेज तब बरामद किए गए थे। विगत दिनों में इस मामले के संबंध में कर अधिकारियों द्वारा उनसे इस बारे में पूछताछ की गई थी। दिसंबर 2016 में जयललिता की मृत्यु के बाद अन्नाद्रमुक पार्टी की बागडोर संभालने वाली शशिकला को बाद में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले खेमे ने पार्टी से निकाल दिया था।
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