पटना। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि दलहन का रकबा घटने और उत्पादन पर्याप्त नहीं होने की वजह से दालों की कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि सब्जियों की कीमतें उत्पादन के बजाय बाजार ताकतों पर निर्भर करती हैं। सुब्रमण्यम ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अब लोगों की खानपान की आदत में बदलाव आया है और दालें उनके भोजन का प्रमुख अंग बन चुकी हैं। वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन अपर्याप्त है।
उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दालों का रकबा बढ़ाने की जरूरत है। उमुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि केंद्र ने इसे संज्ञान में लिया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी0 बढ़ाकर दालों के खेती को प्रोत्साहन दिया है। इसके अलावा अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं जिससे किसानों को इन फसलों के उत्पादन के प्रोत्साहित किया जा सके।
सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रौद्योगिकी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे दलहन फसल की खेती को प्रोत्साहन दिया जा सके। टमाटर कीमतों में उछाल के बारे में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि सब्जियों की कीमतें खेती से अधिक बाजार ताकतों से संबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सब्जी कीमतों में स्थिरता के लिए बाजारों को बेहतर बनाने की जरुरत है। सुब्रमण्यम ने अमीर और गरीब के बीच वित्तीय संबंधों में अंतर को पाटने के लिए राज्यों की भूमिका को मजबूत करने पर भी जोर दिया।
यह भी पढ़ें- भारत, मोजाम्बिक से लंबे समय तक दाल आयात के लिए करेगा सझौता, कीमतों पर लगेगी लगाम
Latest Business News