नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं की संख्या पिछले छह साल में दोगुनी हो गई है। क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के अनुसार 2010 में कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की संख्या 5.5 फीसदी थी, जो 2015 में बढ़कर 11.2 फीसदी हो गई। क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टिट्यूट की द्विवार्षिक सीएस जेंडर 3000 रिपोर्ट के अनुसार, एशिया प्रशांत में इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई और भारत ने 14.7 फीसदी की वैश्विक औसत से अंतर कम किया है।
निदेशक स्तर पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व की दिशा में काफी प्रगति दिख रही है, लेकिन वरिष्ठ प्रबंधन स्तर में महिलाओं की भागीदारी में यह सकारात्मक रुख दिखाई नहीं दे रहा है।
- भारत में प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी 2014 में 7.8 फीसदी थी, जो 2015 में घटकर 7.2 फीसदी पर आ गई।
- वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत क्षेत्र में निचले स्तर पर है।
- जापान और दक्षिण कोरिया दोनों देशों में यह प्रतिशत 2.3 है।
- वैश्विक स्तर पर बोर्डरूम में महिलाओं की संख्या 2013 में 12.7 फीसदी थी, जो 2015 के अंत तक बढ़कर 14.7 फीसदी हो गई।
- कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की संख्या के हिसाब से नॉर्वे 46.7 फीसदी के साथ सबसे आगे है।
- फ्रांस में यह 34 प्रतिशत है, जबकि स्वीडन में 33.6 प्रतिशत, इटली 30.8 प्रतिशत और फिनलैंड में 30.8 प्रतिशत है।
- सर्वेक्षण में शामिल एशिया प्रशांत के 12 देशों में ऑस्ट्रेलिया 20.1 प्रतिशत के प्रतिनिधित्व के साथ पहले स्थान पर है।
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