नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि दूरसंचार विभाग ने गेल जैसे गैर-संचार सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर से संबंधित बकाया चार लाख करोड़ रूपए की मांग में से 96 प्रतिशत मांग वापस लेने का फैसला किया है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूति एम आर शाह की पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि दूरसंचार विभाग ने एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमे सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर संबंधित बकाया राशि की मांग की वजह को स्पष्ट किया गया है।
हालांकि, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड जैसी निजी संचार कंपनियों द्वारा एजीआर से संबंधित बकाया राशि के भुगतान को लेकर दाखिल हलफनामों का जवाब देने के लिए दूरसंचार विभाग ने पीठ से कुछ समय देने का अनुरोध किया है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने बैंक गारंटी और प्रतिभूति के बारे मे जानना चाहा जो एजीआर से संबंधित बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए इन निजी कंपनियों से लिया जा सकता है। इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है।
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