नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे मामलों में जुर्माना लगाएं और कार्रवाई शुरू करें ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो सके। साल 2015 में ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 58.95 लाख हो गई, जिन पर टैक्स उत्तरदायित्व है और उन्होंने रिटर्न न भरा हो। 2014 में रिटर्न न भरने वालों की संख्या 22.09 लाख थी। रिटर्न न भरने वालों की तादाद 2013 में 12.19 लाख थी।
टैक्स अधिकारियों के हाल में हुए सम्मेलन में पेश 2016-17 की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की केंद्रीय कार्ययोजना में कहा गया कि टैक्स का दायरा बढ़ाने के लिए संभावित टैक्स उत्तरदायित्व वाले रिटर्न न भरने वाले चिह्नित लोगों से नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संभावित टैक्स उत्तरदायित्व और रिटर्न न भरने वालों पर पहल को प्राथमिकता प्रदान करने की प्रायोगिक योजना के तौर इनकी निगरानी के लिए एनएमएस (रिटर्न न भरने वालों के लिए निगरानी प्रणाली) लागू की है। ये आंकड़े एनएमएस द्वारा तैयार किए गए हैं।
इसमें कहा गया, उचित मामलों में धारा 271एफ (इनकम टैक्स रिटर्न न भरने के लिए जुर्माना) और 276 सीसी (इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वालों पर मुकदमा) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसमें कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति जिसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना आवश्यक है, वह ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ 271एफ के तहत 1,000 रुपए से 5,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इधर, आयकर कानून की धारा 276 सीसी के तहत ऐसा न करने वालों के लिए तीन महीने से लेकर सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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