Big Relief: आम आदमी को जल्द मिलेगी राहत, इंपोर्टर्स देंगे सरकार को रोज एक लाख किलो सस्ती दाल
दाल इंपोर्टर्स ने सरकारी एजेंसियों को 135 रुपए प्रति किलो की दरसे अरहर दाल की सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया है। दाल का रिटेल भाव 210 रुपए प्रति किलो है।
नई दिल्ली। दालों की आसमान छूती कीमतों से जल्द आपको राहत मिल सकती है। दाल इंपोर्टर्स ने सरकारी एजेंसियों को 135 रुपए प्रति किलो की दरसे अरहर दाल की सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में अरहर दाल का रिटेल भाव 210 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में यदि सरकार को सस्ती दाल इंपोर्टर्स उपलब्ध कराते हैं तो निश्चित ही बाजार में आपूर्ति बढ़ने से दाल की कीमतें अपने आप नीचे आएंगी।
प्रतिदिन एक लाख किलो दाल की आपूर्ति
शुक्रवार को दाल इंपोर्टर्स ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकत कर कहा कि वह 135 रुपए प्रति किलो की दर से प्रतिदिन एक लाख किलो अरहर की दाल किसी भी सरकारी एजेंसी को सप्लाई करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, दाल इंपोर्टर्स ने जेटली से स्टॉक लिमिट में छूट की मांग की है। गैरतलब है कि सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद रिटेल में अरहर दाल अभी भी 200 रुपए प्रति किलो के ऊपर बनी हुई है।
इंडियन पल्सेस ग्रीन एसोसिएशन (आईपीजीए) के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे ने कहा कि दाल की कीमतों में गिरावट आना धीरे-धीरे शुरू हो गया है। सप्लाई बढ़ने पर दाम और घटेंगे। डोंगरे के मुताबिक नवंबर के पहले हफ्ते में ताजी सब्जियों की सप्लाई शुरू हो जाएगी। वहीं, दिसंबर में नई दालों की आवक मंडियों में शुरू होने से दालों की कीमतों गिरावट आना तय है।
बड़े पैमाने पर दाल का इंपोर्ट
प्रवीण डोंगरे ने कहा कि फिलहाल मुंबई पोर्ट पर 2 लाख टन दाल पहुंच चुकी है और जनवरी तक अतिरिक्त 25 लाख टन दाल पहुंचेगी। इतने बड़े पैमाने पर सप्लाई बढ़ने से दालें सस्ती होने की पूरी उम्मीद है। डोंगरे ने कहा कि आईपीजीए सरकार की किसी भी एजेंसी को तत्काल कम रेट पर दाल सप्लाई शुरू करने को तैयार है। ऐसे में आम आदमी को महंगी दाल से राहत मिल सकती है।
कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने उठाए यह कदम
- इससे पहले अरुण जेटली ने भरोसा दिलाया था कि आयातित दाल के साथ देश में उपलब्ध दाल (जमाखोरों द्वारा रोकी गई) के बाजार में आने के बाद दाल की कीमतों में नरमी देखने को मिलेगी। सरकार ने छापेमारी में 36,000 टन दाल का भंडार पकड़ा है।
- दालों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार नवंबर के पहले हफ्ते से नाफेड और एसएफएसी जैसी एजेंसियों के जरिये बफर स्टॉक के लिए 40,000 टन दलहनों की खरीद शुरू करेगी।
- दाल की कमी को देखते हुए अब तक करीब 5,000 टन आयातित दलहन देश में आ चुका है और उसे राज्यों को वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा 3,000 टन दाल रास्ते में है।
- दिल्ली में आयातित अरहर दाल को केन्द्रीय भंडार और सफल के करीब 500 बिक्री केन्द्रों पर 120 रुपए प्रति किलो की सब्सिडाइज्ड रेट पर बेचा जा रहा है।
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