वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक की संयुक्त मंत्रिस्तरीय समिति का मानना है कि कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी कई वर्षों तक देखने को मिलेगा। समिति ने दोनों वैश्विक वित्तीय निकायों से सभी देशों को सुरक्षित और प्रभावी टीके की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।
आईएमएफ और विश्वबैंक की शुक्रवार को आयोजित वसंत (स्प्रिंग) बैठकों के बाद जारी वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘महामारी को समाप्त करने की दृष्टि से दुनियाभर में सभी देशों को सुरक्षित और प्रभावी टीके की समय पर आपूर्ति अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर यह देखते हुए कि अब कोरोना वायरस का नया रूप आ गया है। विकासशील देशों को टीकाकरण अभियान के लिए तैयारियां पूरी करनी चाहिए और समन्वित रणनीति के जरिये देश की कमजोर आबादी तक पहुंचना चाहिए।’’
समिति ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने बड़ा स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक संकट पैदा किया है जिससे आज करोड़ों लोगों का जीवन और आजीविका खतरे में है। समिति ने कहा कि आर्थिक झटके की वजह से गरीबी, असमानता बढ़ी है और पूर्व में हुए विकास लाभ समाप्त हो रहे हैं। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमा पुनरुद्धार शुरू हुआ है, लेकिन मध्यम अवधि की संभावनाओं को लेकर अनिश्चितताएं हैं।
जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार अभी तक दुनिया में 13,54,45,099 लोग इस महामारी से संक्रमित हुए हैं। दुनियाभर में यह महामारी 29,14,590 लोगों की जान ले चुकी है। वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘हम सतत और लक्षित वित्तीय और तकनीकी सहयोग का आह्वान करते हैं। इसके अलावा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संगठनों के बीच मजबूत समन्वय होना चाहिए। हम विश्वबैंक और आईएमएफ से आग्रह करते हैं कि वे साथ में और अन्य भागीदारों के साथ मिलकर इस महामारी के प्रभाव को नियंत्रित करने का प्रयास करें।’’ समिति ने विकासशील देशों में वैक्सीन विनिर्माण क्षमता तथा महामारी से जुड़ी चिकित्सा आपूर्ति को समर्थन के प्रयासों को दोगुना करने पर जोर दिया।
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