वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने नरम वृद्धि और बढ़ते संरक्षणवाद का बड़ा जोखिम है। आईएमएफ ने साथ ही ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की स्थिति में बड़े नुकसान के प्रति आगाह भी किया है। आईएमएफ ने लगातार तीसरी तिमाही में वैश्विक अनुमान में यह कहते हुए कटौती की है कि आर्थिक गतिविधियां काफी समय से बहुत धीमी हैं। साथ ही उसने कहा कि वैश्विक आर्थिक शक्तियों द्वारा वृद्धि बढ़ाने के लिए तुरंत पहल करने की जरूरत है।
आईएमएफ ने विस्थापन के दबाव और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की संभावना के मद्देनजर यूरोपीय संघ के बिखराव के प्रति चिंता जताई है। आईएमएफ ने विशाल उभरते बाजारों, विशेष तौर पर ब्राजील में संकुचन पर सवाल उठाया जहां अधिक नरमी के साथ गंभीर राजनीतिक संकट है और राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ महाभियोग का सामना कर रही हैं। व्यापार और निवेश में भारी गिरावट को देखते हुए आईएमएफ ने इस साल वैश्विक वृद्धि के लिए अपना अनुमान घटाकर 3.2 फीसदी कर दिया, जो जनवरी के अनुमान से 0.2 फीसदी कम है। पिछले साल जुलाई में आईएमएफ ने 3.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था। इससे विकसित और उभरती दोनों अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि के रुख में नरमी जाहिर होती है और जापान तथा तेल पर निर्भर रूस और नाइजीरिया के वृद्धि के अनुमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। ज्यादातर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का अनुमान 0.2 फीसदी घटाया गया है। अमेरिका के लिए वृद्धि का अनुमान घटाकर 2.4 फीसदी किया गया है, जो जनवरी में 2.6 फीसदी था।
सिर्फ चीन और विकासशील पूर्वी यूरोप में हालात बेहतर हैं। लेकिन 6.5 फीसदी की वृद्धि के साथ चीन अभी पिछले साल के मुकाबले उल्लेखनीय नरमी के दायरे में है। वृद्धि में नरमी उम्मीद के अनुरूप है लेकिन आईएमएफ का लहजा हाल के महीनों में ज्यादा आशंकापूर्ण हो गया है। इधर विश्वबैंक ने कहा कि ऋण की मदद के लिए आवेदन उस स्तर पर पहुंच गया, जैसा कि वित्तीय संकट के दौर में होता है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री मॉरिस ऑब्स्टफेल्ड ने कहा कि निवेश और मांग को प्रोत्साहित करने की कोशिश न होने की स्थिति में वैश्विक वृद्धि को खतरा है। उन्होंने कहा, कम वृद्धि का अर्थ है, गलती करने की गुंजाइश का कम होना।
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