नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2019 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। ताजा अनुमान अप्रैल में जारी अनुमान की तुलना में 1.2 प्रतिशत कम है। आईएमएफ ने अप्रैल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 2019 में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था। हालांकि, तीन महीने बाद जुलाई में इसने भारत के लिए धीमी वृद्धि दर की संभावना जताई और जीडीपी वृद्धि दर को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था।
अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष ने 2019 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की है। आईएमएफ ने वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है, जो पिछले साल 3.8 प्रतिशत था।
2018 में भारत की वास्तविक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत थी। आईएमएफ ने अपनी ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में अनुमान जताया है कि भारत की वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहेगी और अगले साल 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आने के साथ इसकी वृद्धि दर 7.0 रहेगी।
इससे पहले रविवार को विश्व बैंक ने भी अपने ताजा आउटलुक में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 2019 के लिए घटाकर 6 प्रतिशत किया है। 2018 में विश्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि के 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
आईएमएफ ने अपने बयान में कहा है कि अप्रैल 2019 विश्व आर्थिक अनुमान के संबंध में यह संशोधन किया गया है। घरेलू मांग के लिए उम्मीद से अधिक कमजोर परिदृश्य की वजह से वृद्धि दर के अनुमान में कटौती की गई है। हालांकि, मौद्रिक नीति के सरल होने, कॉरपोरेट इनकम टैक्स की दर में कटौती और ग्रामीण उपभोग को समर्थन देने के लिए सरकारी कार्यक्रमों से वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
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