इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को मिलने वाले राहत पैकेज में और देर होने की संभावना है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्ष गंभीर वार्तालाप में व्यस्त हैं और आईएमएफ ने पाकिस्तान से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की जानकारी मांगने के साथ ही साथ लिखित में यह गांरटी देने को कहा है कि राहत पैकेज का इस्तेमाल चीन को कर्ज चुकाने में नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने सोमवार को आधिकारिक स्रोतों के हवाले से कहा कि राहत पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए यहां आने वाले आईएमएफ दल के आने की योजना टल सकती है। दोनों पक्ष अनुबंध की अंतिम शर्तों पर गहन चर्चा कर रहे हैं।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने इससे पहले इस महीने कहा था कि आईएमएफ का एक दल विश्वबैंक के साथ ग्रीष्मकालीन बैठक के तुरंत बाद यहां आने वाला है। उन्होंने कहा था कि अप्रैल महीने के अंत तक राहत पैकेज पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि अब आईएमएफ का दल अप्रैल के बजाये मई में यहां आ सकता है।
सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ अधिकारियों ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) की जानकारी मांगने के साथ ही पाकिस्तान और चीन दोनों से लिखित गांरटी देने को कहा है कि आईएमआई राहत पैकेज का इस्तेमाल चीन को कर्ज चुकाने में नहीं किया जाएगा।
आईएमएफ ने पाकिस्तान और चीन के बीच वित्तीय सहयोग की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, न्यूक्लियर पावर प्लांट, जेएफ-17 थंडर फाइटर जेट के संयुक्त निर्माण और सबमरीन की खरीद संबंधी सहायता शामिल है। आईएमएफ ने पाकिस्तान से पिछले ढाई साल के दौरान चीन से लिए गए 6.5 अरब डॉलर के कमर्शियल लोन की भी जानकारी देने को कहा है।
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