वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक विकास की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पहले ही अपने अनुमानों में कटौती कर चुके हैं। आईएमएफ ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2019 (2019-20) के दौरान निवेश में निरंतर सुधार आने, मौद्रिक नीति के अधिक सरल होने की वजह से बढ़ते उपभोग और राजकोषीय नीति से पड़ने वाले कुछ असर की वजह से आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है।
आईएमएफ ने जनवरी में जारी अपने पहले के अनुमान के मुकाबले इस ताजा अनुमान में भारत की वृद्धि अनुमान में 2019-20 और 2020-21 के लिए 20 आधार अंकों की कटौती की है। आईएमएफ ने कहा है कि दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 2019-20 के दौरान चीन की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत और भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है।
आईएमएफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह नाजुक मौका है। वैश्विक अर्थव्यवस्था ने जो रफ्तार पकड़ी थी व्यापार तनाव, ब्रेक्जिट और दूसरे कारणों से वह धीमी पड़ गई है।
आईएमएफ के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 2019 में एक बार फिर वैश्विक वृद्धि को कम कर 3.3 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पहले आईएमएफ ने जनवरी में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इससे भी पहले अक्टूबर में आईएमएफ ने इसके 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
आईएमएफ ने कहा है कि इस साल की दूसरी छमाही में वैश्विक वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी और इसके बाद 2020 में यह 3.6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। हालांकि, इसके लिए कई चीजें हैं जिन्हें सही दिशा में आगे बढ़ना होगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन के साथ जारी व्यापार युद्ध का भी सकारात्मक समाधान होना चाहिए।
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