नई दिल्ली। अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि एलएंडटी और एडलवाइस की इकाइयों के गैरकानूनी तथा गलत मंशा से की गई कार्रवाई से उसके शेयर मूल्य में भारी गिरावट आई है।
रिलायंस समूह ने कहा कि इन इकाइयों ने गैरकानूनी और गलत मंशा से गिरवी रखे शेयरों का इस्तेमाल किया और उन्हें खुले बाजार में बेचा, जिससे उसके बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई। समूह ने बयान में कहा कि कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) विशेषरूप से एलएंडटी फाइनेंस और एडलवाइस समूह की कुछ इकाइयों ने रिलायंस समूह के गिरवी रखे शेयरों का इस्तेमाल करते हुए खुले बाजार में उनकी बिक्री की। चार फरवरी से सात फरवरी के दौरान की गई यह बिक्री करीब 400 करोड़ रुपए की थी।
बयान में कहा गया है कि इन दो समूहों द्वारा की गई गैरकानूनी, किसी मंशा से की गई अनुचित कार्रवाई से इन चार दिन में ही रिलायंस समूह के बाजार पूंजीकरण में 13,000 करोड़ रुपए की गिरावट आई है। समूह ने कहा कि इनकी गतिविधियों से 72 लाख संस्थानों और खुदरा शेयरधारकों को काफी नुकसान हुआ और सभी शेयरधारकों के हितों को चोट पहुंची।
समूह ने इस बारे में कानूनी सलाह लेने की बात कही है। समूह ने कहा कि यह कार्रवाई गैराकानूनी तथा संबद्ध कर्ज दस्तावेजों की जरूरत तथा प्रक्रिया के खिलाफ थी। समूह ने कहा कि बाजार में जिस तरीके से यह बिक्री की गई वह कई और वजहों से भी गैरकानूनी थी। मसलन इसमें कीमतों में गड़बड़ी हुई, भेदिया कारोबार और बाजार के दुरुपयोग के अलावा विभिन्न नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन किया गया।
समूह ने कहा है कि रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के साथ अन्य सभी अनुषंगियां सभी मानकों पर संतोषजनक तरीके से काम कर रही हैं और उनमें किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।
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