नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में पढ़ाई करना अब महंगा हो जाएगा और सरकार ने स्नातक पाठ्यक्रमों की वार्षिक फीस आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए मौजूदा 90 हजार रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी है। यह 122 फीसदी की वृद्धि नए दाखिलों पर लागू होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अनुसूचित जाति, जनजाति, अशक्तों और उन परिवारों के छात्रों की फीस माफ कर दी है, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पांच लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के छात्रों को फीस का दो तिहाई हिस्सा माफ होगा। वैसे छात्र जो किसी श्रेणी में नहीं आते उन्हें ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा होगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय आईआईटी पैनल के प्रस्ताव के बाद शुल्क बढ़ाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने आईआईटी के स्नातक पाठ्यक्रमों की फीस को वर्तमान 90 हजार रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का निर्णय किया है। इस संबंध में एक आदेश जल्दी ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो छात्र विभिन्न आईआईटी संस्थानों में दाखिला ले चुके हैं, उन्हें पुरानी दरों से ही फीस देनी होगी और फीस की नई दरें नए नामांकनों पर लागू होगी।
आईआईटी रुड़की के अध्यक्ष अशोक मिश्रा की अध्यक्षता वाले पैनल की पिछले महीने बैठक हुई थी और उसने अगले शिक्षण सत्र से ट्यूशन फीस को मौजूदा 90,000 रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए करने की सिफारिश की थी। हालांकि अंतिम फैसला मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा लिया गया, जो आईआईटी परिषद की अध्यक्ष हैं। आईआईटी परिषद सभी 16 आईआईटी संस्थानों के लिए निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
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