नई दिल्ली। मोदी सरकार के मेक इन इंडिया के लिए यह खबर अच्छी नहीं है। अप्रैल माह में देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पिछले दो महीनों की लगातार तेजी के बाद घटा है। अप्रैल 2016 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले मार्च 2016 में आईआईपी में 0.30 फीसदी की वृद्धि हुई थी। पिछले साल अप्रैल में आईआईपी में तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 3.1 फीसदी गिरावट का कुल इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की गिरावट में प्रमुख योगदान रहा। अन्य दो महत्वपूर्ण उपसूचकांकों में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 14.6 फीसदी बढ़ा, जबकि खनन उत्पादन 1.4 फीसदी बढ़ा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 22 में से 9 इंडस्ट्री ग्रुप ने नेगेटिव ग्रोथ दिखाई है।
गत छह महीनों में सूचकांक में चार बार गिरावट दर्ज की गई है, जबकि फरवरी और मार्च में क्रमश: दो फीसदी और 0.3 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में बड़ी वृद्धि अक्टूबर 2015 में 9.87 फीसदी दर्ज की गई थी। कंज्यूमर नॉन-डयूरेबल ग्रोथ निगेटिव 9.7 फीसदी रही, जबकि एक साल पहले यह 3.7 फीसदी पॉजीटिव ग्रोथ रिकॉर्ड की गई थी। वहीं, कंज्यूमर ड्यूरेबल ग्रोथ पिछले साल 1.3 फीसदी के मुकाबले 11.8 फीसदी रिकॉर्ड की गई है। वहीं, कंज्यूमर गुड्स ग्रोथ में पिछले साल 2.8 फीसदी के मुकाबले इस साल अप्रैल में नेगेटिव 1.2 फीसदी रिकॉर्ड की गई।
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