नयी दिल्ली। लंबे समय के लिये कर्ज देने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान IFCI ने अपना कर्ज सस्ता करते हुए मानक ब्याज दर 0.1 प्रतिशत घटाकर 9.3 प्रतिशत कर दी है।
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IFCI ने एक बयान में कहा, एक साल तक के रिण पर ब्याज दर 9.40 प्रतिशत से घटाकर 9.30 प्रतिशत कर दी गई है। नई दर 11 अगस्त से प्रभावी होगी। आईएफसीआई को 30 जून को समाप्त तिमाही में 110.2 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। इसका कारण फंसे कर्ज के एवज में प्रावधान में तीन गुना वृद्धि होना रहा है।
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तिमाही के दौरान IFCI का फंसे कर्ज के लिये प्रावधान पिछले साल के 129.88 करोड़ रुपए से बढ़कर 387.09 करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी एक साल पहले के 914 करोड़ रुपए से घटकर 832.4 करोड़ रुपए रह गई। हालांकि, देश के इस सबसे पुराने वित्तीय संस्थान को इस दौरान 173.89 करोड़ रुपए का संचालन मुनाफा हुआ जो कि पिछले साल जून में 250.49 करोड़ रुपए रहा था।
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