सोशल ट्रेड के नाम पर क्या आपके साथ भी हुई है ठगी, ऐसे पा सकते हैं आप अपना पैसा वापस
देश की पहली सोशल नेटवर्क आधारित पोंजी स्कीम का पर्दाफाश नोएडा में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने किया। सोशल ट्रेड में 3700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई।
नई दिल्ली। भारत की पहली सोशल नेटवर्क आधारित पोंजी स्कीम का पर्दाफाश गुरुवार को नोएडा में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने किया। सहारा, सारधा और रोज वैली जैसी पोंजी स्कीमों से यह स्कीम बहुत अलग थी। इस स्कीम में एक निश्चित रकम लेकर लोगों को फेसबुक और ट्वीटर की तरह लाइक करने पर पैसे देने का वादा किया जा रहा था, जो लोगों को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।
सारधा घोटाले में 17.4 लाख लोगों से 20,000 करोड़, रोज वैली में 60,000 करोड़ और सहारा मामले में 36,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी होने का पता चला है। वहीं सोशल ट्रेड में तकरीबन 7 लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने की खबरें सामने आ रही हैं।
इस कंपनी का डायरेक्टर 26 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अनुभव मित्तल है, जो इस समय 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है।उसके साथ श्रीधर प्रसाद और महेश दयाल को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस घोटाले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें आईटी, सर्विस टैक्स, कॉरपोरेट मंत्रालय, आरबीआई और सेबी के अधिकारी शामिल हैं।
यूपी एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि,
इस घोटाले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है और एसटीएफ जांच में सहयोग कर रही है। जांच के लिए फॉरेंसिंक साइंस लैब की टीम को भी अटैच किया जा रहा है। फिलहाल एसटीएफ की टीम ने कंपनी के सेक्टर-63 एफ-472 स्थित ऑफिस को जांच के लिए सील कर दिया है।
- शुक्रवार को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन टीम (एसएफआईटी) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने कंपनी दफ्तर में जांच-पड़ताल की थी।
- सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने भी एसटीएफ ऑफिस पहुंचकर जांच से जुड़े तथ्यों को खंगाला है।
पीडि़त ऐसे कर सकते हैं शिकायत
- अमित पाठक ने बताया कि सोशल ट्रेड के नाम पर ठगे गए पीडि़त अपनी शिकायत घर बैठे ही कर सकते हैं।
- इसके लिए उन्हें संबंधित दस्तावेजों के साथ reportfraud@upstf.com पर ई-मेल करना होगा।
- दस्तावेजों में पैसा जमा करने की रसीद, पैसा जमा करने वाला एकाउंट नंबर, अपना आईडी भेजें।
- इसके अलावा आपको स्थानीय थाने में एक एफआईआर भी दर्ज करवानी होगी।
- जांचपड़ताल के बाद पीडि़तों को उनका पैसा वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या था कंपनी का बिजनेस मॉडल
- कंपनी निवेशकों को 5,750 रुपए से लेकर 57,500 रुपए तक का पैकेज देती थी।
- बदले में निवेशकों को रोजाना पैकेज के मुताबिक 25 से 125 वेब लिंक मिलते थे।
तस्वीरों में देखिए एटीएम पर लिखे नंबरों का क्या होता है मतलब
ATM card number
- उन लिंक्स पर क्लिक करना होता था। क्लिक करते ही एक वेबपेज खुलता था, जो करीब 3 सेकेंड बाद बंद हो जाता था।
- कंपनी हर क्लिक के 5 रुपए देती थी। शुरुआत में भुगतान रोज होता था, जिसे बाद में साप्ताहिक कर दिया गया।
- वेबपेज एप्पल, फेसबुक, फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के होते थे तो कुछ फर्जी साइट के लिंक भी होते थे।
- निवेशकों को बताया गया था कि ये कंपनियां सोशल ट्रेड को क्लिक करवाने का पैसा देती हैं।