कट सकती है आपकी सैलरी! TDS को लेकर हुआ बड़ा बदलाव, कंपनी को जल्द उपलब्ध करा दें ये दो दस्तावेज
टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।सीबीडीटी ने सर्कुलर जारी करते हुए कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206-AA के तहत अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर देना अनिवार्य कर दिया है।
नई दिल्ली। अगर आपकी सैलरी 2.5 लाख रुपए या इससे अधिक है आप जल्द ही अपनी कंपनी को अपने पैन और आधार से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करा दें वरना आपकी सैलरी कट सकती है। दरअसल, टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि नए नियम में आधार नंबर को भी शामिल किया गया है। नए आदेश के मुताबिक, यदि कोई कर्मचारी अपना पैन या आधार नंबर को नियोक्ता के समक्ष प्रस्तुक नहीं करता है तो उनकी सैलरी से 20 फीसदी टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) काट लिया जाएगा.यह नियम सालाना 2.5 लाख रुपए या अधिव वेतन वाले कर्मचारियों पर लागू होगा। गौरतलब है कि सीबीडीटी का ये नया नियम 16 जनवरी से लागू हो चुका है।
सीबीडीटी की नई गाइडलाइन के मुताबिक टीडीएस की गणना
2.5 लाख रुपए वार्षिक आय- 0 प्रतिशत
2.5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक वार्षिक आय- 20 प्रतिशत
10 लाख से ज्यादा आय
यह औसत टैक्स दर पर निर्भर करेगा जिसे कर्मचारी की कुल कर देयता को उसकी वार्षिक आय से भाग देकर निकाला जाएगा
यदि औसत कर की दर 20 प्रतिशत तक आती है तो 20 प्रतिशत टीडीएस लगेगा, इससे ज्यादा कर दर आने पर उस दर से टीडीएस कटेगा।
सीबीडीटी ने 86 पन्नों का सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206-AA के तहत अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर देना अनिवार्य है। सकुर्लर में यह भी कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी ये दोनों जानकारी नहीं देता है तो नियोक्ता उनकी सालाना सैलरी से या तो टैक्स दर पर कटौती कर सकते हैं या 20 फीसदी की कटौती कर सकते हैं।
बता दें कि, पहले टैक्स संबंधी काम में केवल पैन को ही स्वीकार किया जाता था, लेकिन पिछले साल सरकार ने कहा कि अगर किसी के पास पैन कार्ड नहीं है तो वह टैक्स संबंधी काम में आधार का भी इस्तेमाल कर सकता है।
इसलिए लाया गया है नया नियम
माना जा रहा है इस नियम को इसलिए लाया गया है ताकि टीडीएस पेमेंट पर नजर रखने के साथ-साथ इस सेग्मेंट में रेवेन्यू भी बढ़ाया जाए। वित्त वर्ष 2018-19 में, कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का 37 फीसदी हिस्सा इसी से आया था।
ऐसे कैसे कटेगा टीडीएस?
नए निएम के तहत अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 2.5 लाख रुपए तक है तो कोई भी टैक्स नहीं कटेगा। वर्तमान में 2.5 लाख रुपए तक इनकम टैक्स फ्री है और 2.5 से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 लाख से 10 लाख रुपएत तक की आय पर टैक्स की दर 20 फीसदी है। सभी तरह की छूट का फायदा उठाने के बाद अगर आपकी सैलरी 20 फीसदी टैक्सेबल स्लैब में आती है तो 20 फीसदी का टीडीएस लागू होगा। इसी प्रकार अगर आपकी सैलरी पर 30 फीसदी टैक्स स्लैब में आती है और आपने पैन और आधार जमा नहीं किया है तो नियोक्ता औसत टैक्स की कटौती करेगा। टीडीएस काटने से पहले औसत टैक्स की दर निकाली जाएगी, यह औसत टैक्स आपके कुल टैक्स लायबिलिटी से कुल सालाना इनकम को भाग देकर निकाला जाएगा। हालांकि, अगर कर्मचारियों को अधिक टैक्स देना पड़ता है तो उन्हें 4 फीसदी की एजुकेशन और हेल्थ सेस से राहत दी जा सकती है।
पैन को आधार से जल्द करा लें लिंक
पैन को आधार से लिंक करने की तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दिया गया है। पैन-आधार लिंक नहीं करने पर क्या पैन अवैध हो जाएगा? इस मामले पर गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले दिनों फैसला सुनाया कि पैन को आधार से लिंक नहीं करने पर किसी भी व्यक्ति का पैन नंबर निष्क्रिय नहीं होगा। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपने पैन को आधार कार्ड से लिंक नहीं करता है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने या ट्रांजैक्शंस करने में पैन का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है।
क्या है नियम?
सीबीडीटी ने कहा कि पैन और आधार कार्ड नहीं होने से क्रेडिट जारी करने में परेशानी हो रही है। ऐसे में टैक्स कटौती करने वाले को सलाह दी जाती है कि वो टीडीएस स्टेटमेंट में आधार और पैन की जानकारी दें।