जून तिमाही में 20 % तक, पूरे वित्त वर्ष में 2% गिर सकती है जीडीपी: ICRA
एजेंसी के मुताबिक मजदूरों की कमी की वजह से कई सेक्टर पर दिखेगा दबाव
नई दिल्ली। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने नये अनुमान में सोमवार को कहा कि जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 20 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। एजेंसी ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये पूरे देश में लागू लॉकडाउन में ढील दिये जाने की सरकार की घोषणा के बाद यह अनुमान व्यक्त किया है। एजेंसी ने लॉकडाउन में ढील के बाद भी पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के बारे में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस दौरान दो प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। एजेंसी ने इससे पहले अपने अनुमान में कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी एक प्रतिशत वृद्धि से एक प्रतिशत गिरावट के दायरे में रह सकती है।
देश में 40 दिन से जारी लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि सरकार ने संक्रमण से अप्रभावित क्षेत्रों में उद्योग जगत को कई ढील दी है। इक्रा ने कहा, सरकार द्वारा दी गयी ढील से आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की छूट मिलेगी, लेकिन बड़े शहरी केंद्रों में अपेक्षाकृत कड़े मानदंडों के परिणामस्वरूप गतिविधियों की गति बाधित होगी। इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, होटल और परिवहन जैसे क्षेत्रों में श्रम की उपलब्धता को लेकर दिक्कतें आ सकती हैं। यह आर्थिक वृद्धि दर को कम करेगा। इक्रा ने कहा कि इन सबको देखते हुए उम्मीद करते हैं कि भारत की जीडीपी 2020-21 की पहली तिमाही में 16 से 20 प्रतिशत तक कम होगी। इसका मतलब है कि पूरे वित्त वर्ष में एक-दो प्रतिशत की गिरावट संभव है।