नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंक खातों में बड़ी राशि जमा करने वाली करीब एक लाख इकाइयों और व्यक्तियों को इनकम टैक्स विभाग नोटिस जारी करने की तैयारी में है। खातों में संदिग्ध गड़बड़ी का पता लगाने के लिए इनके टैक्स रिटर्न को जांच के लिए चुना गया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। नोटिस जारी करने का काम इस सप्ताह से शुरू किया जाएगा।
पहली किस्त में 70,000 इकाइयों को नोटिस जारी किए जाएंगे। ये वे इकाइयां या व्यक्ति हैं, जिन्होंने बैंक खातों में 50 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा की लेकिन न तो टैक्स रिटर्न फाइल किए और न ही संबंधित इनकम टैक्स विभाग के परामर्श का कोई जवाब दिया। ये नोटिस आयकर कानून (आकलन पूर्व जांच) की धारा 142 (1) के तहत जारी किए जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक इसी प्रकार, 30,000 जांच नोटिस उन लोगों को भेजे जाएंगे जिनके टैक्स रिटर्न में स्पष्ट तौर पर पूर्व के मुकाबले या उनके खातों की तुलना में विरोधाभास है। इससे नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर मौद्रिक लेन-देन का पता चलता है। विभाग ने नोटबंदी के बाद 20,572 टैक्स रिटर्न को जांच प्रक्रिया के लिए चुना है। शेष जांच नोटिस उपयुक्त समय में जारी किए जाएंगे।
इसके बाद टैक्स अधिकारी इसी प्रकार के नोटिस अगले महीने उन लोगों और इकाइयों को जारी करेंगे, जिन्होंने नोटबंदी के बाद बैंकों में 25 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक जमा किए हैं। टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद कालाधन पर अंकुश लगाने को लेकर इस साल जनवरी में ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ शुरू किया था और ये कदम उसी का हिस्सा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार टैक्स अधिकारियों ने 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की है। इसमें नोटबंदी के बाद 23.22 लाख बैंक खातों में 3.68 लाख करोड़ रुपए की राशि जुड़ी है। विभाग को ऑनलाइन माध्यम से अब तक 6.92 लाख बैंक खातों से संबद्ध 11.8 लाख लोगों से जवाब मिले हैं। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 50 लाख रुपए से अधिक जमा करने वाले लोगों को फिर से नोटिस का जवाब देने को का जाएगा। अगर वे सहयोग नहीं करते हैं, तब कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस प्रकार के नोटिस उन लोगों के खिलाफ भी जारी किए जाएंगे, जिन्होंने 50 लाख रुपए से कम लेकिन 25 लाख रुपए से अधिक जमा किए हैं।
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