दुनिया के 130 ऊर्जावान शहरों की सूची में हैदराबाद-बेंगलूरू शीर्ष पर, इस नंबर पर है दिल्ली
सामाजिक-आर्थिक और वाणिज्यक क्षेत्र की रियल एस्टेट गतिविधियों के लिहाज से हैदराबाद दुनिया का सबसे ऊर्जावान शहर बनकर उभरा है।
नयी दिल्ली। सामाजिक-आर्थिक और वाणिज्यक क्षेत्र की रियल एस्टेट गतिविधियों के लिहाज से हैदराबाद दुनिया का सबसे ऊर्जावान शहर बनकर उभरा है। इस सूची में हैदराबाद पहले और बेंगलूरू दूसरे नंबर पर रहा है। वैश्विक संपत्ति सलाहकार जेएलएल इंडिया ने यह सूची जारी की है। इसके मुताबिक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बावजूद दुनिया के ऊर्जावान शहरों की सूची में शीर्ष 20 शहरों में सात शहर भारत के हैं।
जेएलएल के 'सिटी मोमेन्टम इंडेक्स' के मुताबिक यह सूची तैयार की गई है। इसके अनुसार दुनिया के 130 शहरों की सूची में हैदराबाद पहले स्थान पर रहा वहीं बेंगलुरु दूसरे, चेन्नई पांचवें और दिल्ली छठे स्थान पर रहा है। इसी तरह पुणे 12वें, कोलकाता 16वें और मुंबई 20वें स्थान पर रहा। इस सूची से आर्थिक और रियल एस्टेट गतिविधियों के लिहाज से दुनिया के सबसे ऊर्जावान शहर की पहचान की गई है। इसमें सामाजिक आर्थिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के क्षेत्र में जारी गतिविधियों को शामिल किया गया है।
जेएलएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, खुदरा बिक्री और विमान यात्रियों की वृद्धि जैसे आर्थिक संकेतकों पर हैदराबाद का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। पिछले साल बेंगलुरु पहले और हैदराबाद दूसरे स्थान पर था। जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और भारत में प्रमुख रमेश नायर ने कहा, 'भारत के तेजी से बढ़ते शहरों के प्रति विदेशी निवेशक खासी रुचि दिखा रहे हैं। बुनियादी ढांचे और नीति के मोर्चे पर सरकार की ओर से किए गए सुधारों का असर दिख रहा है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बावजूद इन सुधारों की वजह से बाजार में पारदर्शिता आई है, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।'
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में वाणिज्यिक रियल एस्टेट तेजी से आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के शीर्ष 20 शहरों में से 75 प्रतिशत शहर एशिया प्रशांत में हैं। इसमें शीर्ष स्थानों पर भारत, चीन और वियतनाम के शहरों का दबदबा है। जेएलएल के सिटी मोमेन्टम इंडेक्स के मुताबिक शीर्ष 20 शहरों में सबसे ज्यादा शहर भारत से हैं। मूल रूप से अमेरिका की कंपनी जेएलएल एक फाच्र्युन 500 कंपनी है जिसका सालाना कारोबार 16.3 अरब डॉलर है और दुनिया के 80 देशों में इसका कारोबार है। दुनियाभर में कंपनी के दफ्तरों में 93 हजार से अधिक लोग काम करते हैं।