नई दिल्ली। विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने और इसे देश से बाहर जाने से रोकने की लड़ाई में सरकार को एक बड़ा हथियार मिल सकता है। एचएसबीसी बैंक में कालाधन रखने वालों के नाम बताने वाले पूर्वकर्मी फल्सियानी ने सोमवार को कहा है कि वह भारत सरकार की मदद कर सकता है, इसके लिए उसने एक शर्त भी रखी है। यदि भारत सरकार उसकी यह शर्त मान लेती है, तो कालेधन के बारे में कई बड़े खुलासे के साथ ही इससे निपटने में भी सरकार को बड़ी मदद मिलेगी।
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फल्सियानी ने दावा किया कि भारत से करोड़ों रुपए का कालाधन आज भी बाहर भेजा जा रहा है। हालांकि उसने कहा कि वह कालेधन की जांच के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों का सहयोग करने को तैयार है, लेकिन भारत को इसके बदले उसे अपने यहां संरक्षण देना होगा। फल्सियानी पर स्विट्जरलैंड में एचएसबीसी की जिनेवा शाखा के खाताधारकों से जुड़ी जानकारी लीक करने का आरोप है। यह सूची बाद में फ्रांस सरकार के हाथ लगी और फ्रांस सरकार ने बैंक के भारतीय ग्राहकों के बारे में सूचनाएं भारत सरकार को दी हैं।
स्काइप लिंक के जरिये मीडियाकर्मियों से बातचीत में फल्सियानी ने दावा किया कि भारत से करोड़ों रुपए का कालाधन बाहर भेजा जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारत के साथ सूचनाएं साझा करके कुछ कमाई करना चाहता है, तो उसने जवाद दिया कि यह धन कमाने की बात नहीं है। मैं अमीर नहीं बनना चाहता। फल्सियानी ने कहा कि वह यहां धन का आंकड़ा प्रस्तुत करने नहीं आया है, बल्कि संभावित समाधानों पर चर्चा करना चाहता है। उसने कहा कि सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि व्हिसलब्लोअर को सुरक्षा मिले। हमें सिर्फ सुरक्षा चाहिए। उसने कहा कि हमें कोई संरक्षण नहीं है। यदि मैं भारत आता हूं तो मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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