नई दिल्ली। रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में नीतिगत दर में 0.5 फीसदी की कटौती कर सकता है। इसका कारण अच्छे मानसून तथा सब्जी के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति दबाव में कमी आना है। HSBC की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी ने कहा कि अगले 12 महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति पांच फीसदी से नीचे रह सकती है, जो रिजर्व बैंक के 2017 के शुरू के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है। एचएसबीसी ने एक शोध रिपोर्ट में कहा, हम वित्त वर्ष 2016-17 की शेष अवधि (अक्टूबर 2016 से मार्च 2017) में नीतिगत दर में 0.5 फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 0.25 फीसदी तथा जनवरी-मार्च तिमाही में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद है। एचएसबीसी के अनुसार अगस्त में मुद्रास्फीति 5.0 फीसदी रही और यह स्थिति करीब एक साल तक बने रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति अगले 12 महीने तक रिजर्व बैंक के 2017 के 5.0 फीसदी के लक्ष्य से नीचे बनी रह सकती है। इससे नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद है। अगली मौद्रिक नीति समीक्षा चार अक्टूबर को होने वाली है।
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