लंदन-नई दिल्ली। वैश्विक बैंकिंग दिग्गज एचएसबीसी ने खुलासा किया है कि वह भारत और कई अन्य देशों में टैक्स चोरी से जुड़े मामलों की जांच का सामना कर रही है। बैंक ने कहा कि उसकी स्विट्जरलैंड और दुबई की इकाइयां भी जांच के घेरे में हैं। चार भारतीयों और उनके परिवारों द्वारा कर चोरी मामले में उसे इस जांच का सामना करना पड़ रहा है। इसमें बैंक पर टैक्स चोरी को बढावा देने का अरोप है।
- इसके अलावा विभिन्न देशों की नियामकीय और विधि प्रवर्तन एजेंसियां पनामा के लीक दस्तावेजों में आए नामों के बारे में सूचना के लिए बैंक को संपर्क कर रही हैं।
- पनामा के दस्तावेजों में सैंकड़ों भारतीयों के नाम शामिल हैं जिन पर संदेह है कि उन्होंने पनामा की विधि कंपनी मोसैक फोन्सेका की मदद से कथित तौर करचोरी की पनाहगाह माने जाने वाले देशों में वैध धन का निवेश किया है।
- पिछले सप्ताह प्रकाशित अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कर संबंधित जांच का खुलासा करते हुए एचएसबीसी ने कहा है कि उसने कर और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में भुगतान के लिए 77.3 करोड़ डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) से अधिक का प्रावधान किया है।
एचएसबीसी ने कहा कि कई कारण हैं जो नतीजों, इनके वित्तीय प्रभाव को प्रभावित कर सकते हैं। इन अनुमानों की अनिश्चितताओं और सीमाओं की वजह से जो राशि रखी गई है जुर्माना उससे अलग हो सकता है। एचएसबीसी ने कहा है कि वह संबंधित विभागों के साथ सहयोग कर रहा है।
बैंक ने कहा कि भारत, अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और अर्जेंटीना सहित विभिन्न देशों में कर प्रशासन, नियामकीय एवं अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों एचएसबीसी स्विस प्राइवेट बैंक और अन्य एचएसबीसी कंपनियों की कथित रूप से कर चोरी या कर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य सीमापार बैंकिंग कामकाज से जुड़े मामलों में जांच कर रही हैं।
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