Billionaire Baba: पतंजलि ऐसे बनी FMCG की बाहुबली, कभी उधार मांगकर शुरू की थी कंपनी
योग गुरू बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद का कारोबार अगले एक साल में 10500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 हजार करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्ली। योगगुरू बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद दिन प्रति नए मुकाम हासिल करती जा रही है। रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले उत्पाद का कारोबार (FMCG) करने वाली पतंजलि ने अगले एक साल में 20 हजार करोड़ रुपए के कारोबार करने का लक्ष्य रखा है। पर शायद ही कोई बाबा रामदेव के योगगुरु से लेकर ऐक्टिविस्ट और FMCG बिजनेस के बाहुबली बनने तक के सफर के बारे में जानता होगा।
महज 13 हजार रुपए में शुरू की थी कंपनी
हिंदी पत्रिका आउटलुक में छपी स्टोरी के मुताबिक सन 1995 में पतंजलि का कंपनी के रुप में रजिस्ट्रेशन हुआ था। बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने महज 13 हजार रुपए में पतंजलि का रजिस्ट्रेशन कराया था। उस वक्त इन दोनों के पास सिर्फ 3500 रुपए थे। किसी तरह दोस्तों से उधारी लेकर पंजीयन शुल्क चुकाया गया। आज 21 साल बाद पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण फोर्ब्स की सूची में भारत में 48 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। इस सूची में यह नाम आश्चर्यजनक है। बालकृष्ण को 2.5 अरब डालर की संपत्ति के साथ सूची में स्थान दिया गया है।
कुछ ऐसे शुरू किया सफर
बाबा रामदेव ने एक टीवी को दिए इंटरव्यु में कहा था कि उन दिनों हरियाणा और राजस्थान के शहरों में हर साल करीब पचास योग कैंप लगाता था उन दिनों बाबा रामदेव को अक्सर हरिद्वार की सड़कों पर स्कूटर चलाते देखा जाता था। साल 2002 में गुरु शंकरदेव की खराब सेहत के चलते बाबा रामदेव दिव्य योग ट्रस्ट का चेहरा बने जबकि उनके दोस्त बालकृष्ण ने ट्र्स्ट के फाइनेंस का जिम्मा संभाला और कर्मवीर को ट्रस्ट का प्रशासक बनाया गया था। इसके बाद से ही गुरुकुल के जमाने के ये तीनों दोस्त पतंजलि योगपीठ के आर्थिक साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे है।
योग शिविर से हुए लोकप्रिय
हरिद्वार में दिव्य योग ट्रस्ट के बैनर तले बाबा रामदेव ने देश और विदेश में जोर-शोर से योग शिविर लगाने शुरु कर दिए थे। हरियाणा के गांवों से शुरु हुआ उनके योग सिखाने का ये सिलसिला गुजरात और दिल्ली से होते हुए मुंबई तक जा पुहंचा थ।. शुरुआत में बाबा रामदेव के योग शिविर में दो से ढाई सौ लोग आते थे लेकिन जैसे- जैसे उनकी लोकप्रियता बढ रही थी उनके शिविरों में लोगों की संख्या भी तेजी से बढती चली जा रही थी।
दान में मिले 50 हजार रुपए से शुरू किया जड़ी बूटियों का कारोबार
बाबा रामदेव के ट्र्स्ट का मकसद आम लोगों के बीच योग और आयुर्वेद के प्रयोग को लोकप्रिय बनाना था. खुद बाबा रामदेव भी बताते हैं कि पहली बार उनको जो पचास हजार रुपये का दान मिला था उसी से उन्होंने आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का कारोबार शुरु किया था जो आज हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
साल 1995 मे दिव्य योग ट्रस्ट, साल 2006 में दूसरा पतंजलि योगपीठ ट्र्स्ट बना और तीसरा भारत स्वाभीमान ट्र्स्ट बाबा रामदेव एक के बाद एक अपने ट्रस्ट बनाते चले गए और इसी के साथ तेजी से इस संन्यासी का आर्थिक साम्राज्य भी फैलता चला गया है।
ऐसे पतंजलि के बिकने लगे उत्पाद
पतंजलि आयुर्वेद ने बड़े शहरों में फ्रेंचाइजी के जरिए अपने प्रोडक्ट बेचना शुरू किया था। बाबा के बिजनेस का ये सिलसिला अब कॉस्मेटिक से लेकर किराना के अलावा हर तरह के घरेलू प्रोडक्ट तक पहुंच चुका है। हाल ही में बाबा रामदेव ने पतंजलि ब्रांड के प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए किशोर बियाणी के शॉपिंग माल चेन से भी करार किया।
…और पतंजली बन गई FMCG की बाहुबली
कंपनी मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2011-12 में कंपनी की आय 453 करोड़ रुपए और मुनाफा 56 करोड़ रुपए था। फाइनेंशियल ईयर 2012-13 में कंपनी की आय बढ़कर 849 करोड़ रुपए और मुनाफा बढ़कर 91 करोड़ रुपए हो गया। अगर फीसदी के लिहाज से देखें तो 6 साल में कंपनी का कारोबार में 2231 फीसदी की ग्रोथ आई है। कंपनी का कुल कारोबार 453 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 10561 करोड़ रुपए हो गया है।
फाइनेंशियल ईयर | कुल आय | कुल मुनाफा | नेट प्रॉफिट मार्जिन्स |
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2011-12 | 453 करोड़ रुपए | 56 करोड़ रुपए | 12.36 फीसदी |
2012-13 | 849 करोड़ रुपए | 91 करोड़ रुपए | 10.72 फीसदी |
2013-14 | 1191 करोड़ रुपए | 186 करोड़ रुपए | 15.62 फीसदी |
2014-15 | 2006 करोड़ रुपए | 317 करोड़ रुपए | 15.80 फीसदी |
2015-16 ये सभी आंकड़े कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय से लिए गए है | 5000 करोड़ रुपए | - | - |
इस तेजी में देश की और कई विदेशी कंपनियां पतंजलि से बहुत पीछे छूट चुकी है। अगर कुल टर्नओवर के लिहाज देखें तो देश में कारोबार करने वली सभी FMCG कंपनियों में सिर्फ HUL ही पतंजलि से आगे है।
कंपनी | कुल टर्नओवर (FY17) |
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HUL | 30782.7 करोड़ रुपए |
पतंजलि | 10561 करोड़ रुपए |
ITC | 9159.3 करोड़ रुपए |
नेसले इंडिया | 9159.3 करोड़ रुपए |
गोदरेज कंज्यूमर ग्रुप | 9134.2 करोड़ रुपए |
ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज | 8844.4 करोड़ रुपए |
डाबर इंडिया | 7691 करोड़ रुपए |
टाटा ग्लोबल | 6963.5 करोड़ रुपए |
मेरिको | 5918.1 करोड़ रुपए |
कोलगेट | 4010 करोड़ रुपए |
GSK कंज्यूमर | 3784.9 करोड़ रुपए |
इमामी | 2552.9 करोड़ रुपए |
P&G | 2388.7 करोड़ रुपए |
बजाज कॉर्प | 791.3 करोड़ रुपए |
बाबा ने खोला पतंजलि की कामयाबी का राज
बाबा रामदेव ने एक टीवी इंटरव्यु में बताया था कि मल्टी नैशनल कंपनियां (MNCs)विज्ञापनों पर बहुत ज्यादा खर्च करती हैं। वे सिलेब्रिटीज को ब्रैंड ऐंबैस्डर बनाती हैं और इसके ऐवज में उन्हें करोड़ों रुपए देती हैं। मैं सिर्फ कैमरे के सामने खड़ा होता हूं ऐऔर अपने प्रॉडक्ट के बारे में बोलता हूं। लोगों को मालूम है कि प्रॉडक्ट्स की क्वालिटी को लेकर जिम्मेदार हूं। उन्होंने मुझे 20-25 साल से संघर्ष करते हुए देखा है। उन्हें मालूम है कि बाबा रामदेव जमीन पर सोते हैं और उन्हें अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। क्या किसी एमएनसी का सीईओ कैमरे के सामने खड़े होकर अपने प्रॉडक्ट्स की जिम्मेदारी लेगा?
20 हजार करोड़ टर्नओवर का लक्ष्य
पिछले फाइनेंशियल ईयर 2016-2017 वित्त वर्ष में अपनी बिक्री दो गुना कर 20,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। पतंजलि देशभर में वितरण नेटवर्क में वितरकों की संख्या दोगुना कर 12000 करने की भी योजना बनाई है। इसके अलावा कंपनी बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करना और ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अगुआई करना चाह रही है।