आर्थिक नरमी के बावजूद 2019 में मकानों की बिक्री बढ़ी, बिके 2.45 लाख से ज्यादा घर
शीर्ष आठ शहरों में 2019 में बिक्री में सालाना आधार पर एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बावजूद देश के आठ बड़े शहरों में मकानों की बिक्री 2019 में मामूली बढ़कर करीब 2.45 लाख इकाई से अधिक रही। जमीन-जायदाद से जुड़े परामर्श देने वाली फर्म नाइट फ्रैंक ने अपनी 2019 की हालिया रिपोर्ट इंडिया रियल एस्टेट: एच-2 में कहा कि आर्थिक नरमी के झटकों के बावजूद 2019 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है।
शीर्ष आठ शहरों में 2019 में बिक्री में सालाना आधार पर एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फर्म ने कहा कि 2019 में मकानों की कुल बिक्री 2,45,861 इकाइयों पर रही, जो कि 2018 में 2,42,328 इकाइयों पर थी। बिक्री को बढ़ाने के लिए डेवलपरों ने घर खरीदारों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मकान की कीमतों और आकार को कम किया है।
दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद में मकान बिक्री बढ़ी है, जबकि मुंबई, पुणे और कोलकाता में बिक्री घटी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरू में मकानों की बिक्री सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत बढ़कर 48,076 इकाइयों पर रही। चेन्नई में मकान बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 16,959 इकाई, जबकि दिल्ली-एनसीआर में बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 42,828 इकाई रही।
नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक (उत्तरी) मुद्दसिर जैदी ने कहा कि एनसीआर में स्थिर बिक्री एक सकारात्मक संकेत है। जैदी ने कहा कि पिछले साल मकानों की कीमत औसतन चार से पांच प्रतिशत बढ़ी हैं लेकिन यह अब भी 2015 के स्तर से नीचे हैं। हैदराबाद में मकान बिक्री चार प्रतिशत बढ़कर 16,267 इकाई और अहमदाबाद में तीन प्रतिशत बढ़कर 16,713 इकाई पर रही। हालांकि, कोलकाता में मकानों की बिक्री 12 प्रतिशत गिरकर 11,266 इकाइयों पर रह गई।
मुंबई और पुणे में बिक्री क्रमश: पांच और दो प्रतिशत गिरी। नए मकानों की आपूर्ति (लॉन्च) 2019 में 23 प्रतिशत बढ़कर 2,23,325 इकाइयों पर रही। वहीं, कार्यालय के लिए स्थान पट्टे पर लेने की गतिविधियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 6.06 करोड़ वर्ग फुट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।