नयी दिल्ली। देश के सात प्रमुख शहरों में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान मकानों की बिक्री 18 प्रतिशत गिरकर 55,080 इकाई रही। रीयल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली फर्म एनारॉक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि खरीदार मकान में निवेश करने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरू, पुणे और हैदराबाद- इन प्रमुख शहरों में पिछले साल इसी अवधि में 67,140 मकान बिके थे। बेंगलूरू में गिरावट 35 प्रतिशत तक रही।
एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, '2019 की तीसरी तिमाही में करीब 55,080 इकाइयों की बिक्री हुई। यह 2019 की दुसरी तिमाही से 20 प्रतिशत और एक साल पहले की तीसरी तिमाही से 18 प्रतिशत कम है।' फर्म ने कमजोर रुख के अलावा, ब्याज सहायता योजना पर प्रतिबंध और 'श्राद्ध' पक्ष को भी आवास बिक्री में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, 'इस तिमाही में नए मकानों की आपूर्ति और मकानों की बिक्री में गिरावट की उम्मीद थी क्योंकि घरखरीदार और डेवलपर दोनों सतर्क हैं और जोखिम से बच रहे हैं।' हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किए गए उपायों से त्योहारी सीजन और उसके आगे आने वाली तिमाहियों में मकानों की मांग बढ़ेगी। पुरी ने कहा कि हाल में की गई कॉरपोरेट कर में कटौती से घरेलू एवं विदेशी निवेशकों दोनों से निवेश आएगा। बेंगलूरू में, मकान बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। यहां आवास बिक्री 35 प्रतिशत गिरकर 10,500 इकाइयों पर रही। इसके बाद हैदराबाद में बिक्री 32 प्रतिशत घटकर 3,280 इकाई रही।
दिल्ली-एनसीआर में 13 प्रतिशत घटी मकानों की बिक्री
कोलकाता में मकानों की बिक्री 27 प्रतिशत कम होकर 3,120 इकाइयों जबकि दिल्ली-एनसीआर में मांग 13 प्रतिशत घटकर 9,830 इकाइयों पर रह गई। इस साल जुलाई-सितंबर अवधि में चेन्नई में बिक्री 11 प्रतिशत गिरकर 2,620 इकाइयों, पुणे में 8 प्रतिशत गिरकर 8,550 इकाइयों और मुंबई महानगर क्षेत्र में मकान बिक्री 6 प्रतिशत गिरकर 17,180 इकाइयों पर रही। शीर्ष सात शहरों में नहीं बिके मकानों की संख्या 6.56 लाख इकाइयों पर रही। यह जून तिमाही के अंत में 6.66 लाख इकाइयों से थोड़ा कम है।
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