आवास क्षेत्र में बिक्री 2015-16 में 2.2 फीसदी घटी
आवास क्षेत्र की बिक्री सात प्रमुख शहरों में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.2 फीसदी घटकर 1.58 लाख इकाई रही।
नई दिल्ली। आवास क्षेत्र की बिक्री सात प्रमुख शहरों में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.2 फीसदी घटकर 1.58 लाख इकाई रही। हालांकि अगले मार्च तक ब्याज दर में नरमी और कीमत घटने के मद्देनजर बाजार में अगले साल मार्च तक सुधार होने की उम्मीद है। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई। संपत्ति परामर्शक जेएलएल इंडिया ने अपन मासिक रिपोर्ट में कहा कि 2016 की जनवरी-मार्च की अवधि में आवास बिक्री में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले नौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई। रीयल एस्टेट बाजार में पिछले तीन-चार साल से नरमी का दौर है जिससे परियोजनाएं पूरी होने में काफी देर हो रही और घर खरीदने वाले इसका विरोध कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए 2015-16 सबसे बुरा दौर था ओर बिक्री एवं मूल्य घटा। बगैर बिके मकानों की बड़ी संख्या, घटती मांग और सीमित नकदी के कारण नयी परियोजनाएं शुरू नहीं हो पाईं। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2015-16 में मकानों की बिक्री 2.2 फीसदी घटी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2015-16 में देश के प्रमुख आठ शहरों- दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुर और पुणे- में 1,58,211 मकान बिके जबकि 2014-15 में 1,61,875 इकाइयां बिकी थीं।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई एविएशन पॉलिसी को मंजूरी मिल गई है। नई पॉलिसी आने से 1 घंटे के सफर के लिए 2500 रुपए अधिकतम किराया देना होगा, जबकि 30 मिनट के लिए 1200 रुपए देने होंगे। पॉलिसी को मंजूरी मिलने से हवाई यात्रियों को फायदा होगा और उनके हितों की अधिक रक्षा हो सकेगी। दूसरी ओर एयरलाइंस कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी और उन्हें कुछ सहूलियतें भी दी जाएंगी। नई पॉलिसी लागू होने के बाद यात्रियों को घरेलू टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड पंद्रह दिनों के अंदर मिल जाएगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकट कैंसिल करवाने पर 30 दिन के अंदर रिफंड मिलेगा। इसके अलावा अगर एयरलाइन अचानक फ्लाइट कैंसिल करती है, तो उसे यात्रियों को 400 फीसदी तक जुर्माना देना होगा। वहीं अगर कोई यात्री अपना टिकट कैंसिल करवाता है तो कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर 200 रुपए से ज्यादा वसूला नहीं जा सकता।
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